Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

हॉलैंड क्वार्टर फाइनल में

Advertiesment
हमें फॉलो करें हॉलैंड क्वार्टर फाइनल में
डरबन , मंगलवार, 29 जून 2010 (00:31 IST)
FILE
पिछले चैम्पियन इटली को बाहर करने वाले ‘जाइंट किलर’ स्लोवाकिया का विश्व कप में सफर सोमवार को अंतिम 16 के मैच में हॉलैंड के हाथों 2-1 से हार के साथ ही समाप्त हो गया।

हॉलैंड के लिए आर्येन रोबेन ने 18वें और वेसले श्नाइडेर ने 84वें मिनट में गोल किए। स्लोवाकिया के लिए इंजुरी टाइम के आखिरी मिनट में राबर्ट विटेक ने कॉर्नर पर गोल करके जीत का अंतर कम किया। अंतिम आठ में हॉलैंड का सामना पाँच बार की चैम्पियन ब्राजील या चिली से होगा।

आखिरी ग्रुप मैच में इटली को 3-2 से हराकर दूसरे दौर में पहुँची स्लोवाकियाई टीम ने आक्रामक खेल जरूर दिखाया लेकिन खाता नहीं खेल सकी। दूसरी ओर 1974 और 1978 में उपविजेता रही डच टीम ने एक इकाई के रूप में बेहतरीन खेल दिखाते हुए जीत दर्ज की।

हॉलैंड के लिए पहला गोल टूर्नामेंट में पहली बार पूरा मैच खेलने वाले रोबेन ने किया। बायर्न म्युनिख के इस विंगर ने कैमरून के खिलाफ आखिरी ग्रुप मैच में 20 मिनट खेला था। माँसपेशियों में खिंचाव के कारण वह पहले दो मैच नहीं खेल सके थे।

कोच बर्ट वान मार्विज्क ने स्लोवाकिया के खिलाफ उन्हें शुरुआती लाइन-अप में रखा। इस फैसले को सही साबित करते हुए उसने 18वें मिनट में गोल दागा।

इससे पहले स्लोवाकिया ने शुरुआती मिनटों में आक्रामक खेल दिखाया। एरिक जेंड्राइसेक को गोल करने का सुनहरा मौका मिला लेकिन उनका शॉट क्रॉसबार के ऊपर से निकल गया।

स्लोवाकियाई कप्तान मारेक हेमसिक का शॉट भी बाहर से निकल गया। हॉलैंड के राबिन वान पर्सी को भी आठवें मिनट में मौका मिला लेकिन डर्क कुएट के क्रास पर उनका हेडर अचूक साबित नहीं हुआ।

दूसरे हाफ में डच टीम अधिक आक्रामक दिखी। शुरुआती मिनटों में ही हॉलैंड की फारवर्ड पंक्ति ने शानदार मूव बनाया लेकिन रोबेन के बेहतरीन शॉट को जान मुचा ने बचा लिया।

पिछले महीने ही चैम्पियंस लीग फाइनल में विरोधी टीमों के लिए खेलने वाले रोबेन और श्नाइडेर में गजब का तालमेल दिखा। चैम्पियंस लीग में श्नाइडेर इंटर मिलान के सदस्य थे, जिसने बायर्न म्युनिख को हराया था।

साठवें मिनट में रोबेन फिर हावी होते दिखे लेकिन दाएँ पैर से उनका क्रॉस कमजोर रहा, जिसे स्लोवाकियाई डिफेंडरों ने आसानी से निकाल दिया। इसी मिनट में रॉबिन वान पर्सी ने दाहिने फ्लैंक से फ्रीकिक लगाई लेकिन एवर्टन से जुड़ने जा रहे मुचा ने फिर मुस्तैदी दिखाते हुए इसे बचा लिया।

स्लोवाकिया के जुराज कुस्का ने 64वें मिनट में 30 गज की दूरी से शॉट लगाया, जो बाहर से निकल गया। लगभग एक घंटे के खेल में स्लोवाकियाई खिलाड़ी डच गोल पर संजीदा हमला नहीं बोल सके जिससे गोलकीपर मार्टेन स्टेकेलेनबर्ग को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी।

हॉलैंड के लिए दूसरा गोल 83वें मिनट में श्नाइडेर ने किया। अब तक बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे मुचा ने डर्क कुएट की फ्रीकिक को बचाने के चक्कर में चूक कर दी। कुएट ने श्नाइडेर को गेंद सौंपी, जिसने खाली गोल के भीतर इसे डालकर हॉलैंड की बढ़त दोगुनी कर दी।

चार मिनट के इंजुरी टाइम के आखिरी मिनट में विटेक ने स्लोवाकिया के लिए कॉर्नर पर गोल किया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इस जीत के साथ ही हॉलैंड का अपराजेय अभियान रिकॉर्ड 23 मैचों का हो गया। इसने आखिरी पराजय सितंबर 2008 में ऑस्ट्रेलिया के हाथों झेली थी। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi