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13वें सैग खेलों में भारत ने जीते रिकॉर्ड 312 पदक, अभियान हुआ समाप्त

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, बुधवार, 11 दिसंबर 2019 (00:46 IST)
काठमांडू। भारत ने 13वें दक्षिण एशियाई खेलों (सैग) में मंगलवार को यहां अपने अभियान का अंत रिकॉर्ड 312 पदकों के साथ किया, जिसमें 174 स्वर्ण के अलावा 93 रजत और 45 कांस्य पदक शामिल हैं। भारत 1984 में शुरू हुए दक्षिण एशियाई खेलों के सभी आयोजन में पदक तालिका में शीर्ष पर रहा है।

भारत ने गुवाहाटी और शिलांग में आयोजित हुए इन खेलों के पिछले सत्र (2016) में कुल 309 पदक हासिल किए थे, जिसमें 189 स्वर्ण थे। इस बार हालांकि स्वर्ण पदकों की संख्या पिछली बार से 15 कम है। मेजबान नेपाल 206 पदक (51 स्वर्ण, 60 रजत और 95 कांस्य) के साथ दूसरे, जबकि श्रीलंका 251 पदकों (40 स्वर्ण, 83 रजत और 128 कांस्य) के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

भारत 1984 में शुरू हुए दक्षिण एशियाई खेलों के सभी आयोजन में पदक तालिका में शीर्ष पर रहा है। मंगलवार को इन खेलों के आखिरी दिन भारत ने 15 स्वर्ण सहित 2 रजत और एक कांस्य पदक के साथ कुल 18 पदक हासिल किया। इसमें मुक्केबाजों ने 6 स्वर्ण और एक रजत पदक हासिल किया।
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बॉस्केटबाल में भारत की पुरुष और महिला टीमों ने क्रमश: श्रीलंका (101-62) और मेजबान नेपाल (127-46) को हराकर स्वर्ण पदक हासिल किए। विकास कृष्ण (69 किग्रा) और पिंकी रानी (51 किग्रा) की अगुआई में भारत ने 6 और स्वर्ण पदक जीते जिससे भारतीय मुक्केबाजी दल ने अपने अभियान का अंत 16 पदक के साथ किया।

पुरुष वर्ग में विकास के अलावा स्पर्श कुमार (52 किग्रा) और नरेंदर (91 किग्रा से अधिक) ने भी स्वर्ण पदक जीते जबकि महिला मुक्केबाजों में सोनिया लाठेर (57 किग्रा) और मंजू बमबोरिया (64 किग्रा) ने भी सोने के तमगे हासिल किए। भारत ने यहां मुक्केबाजी स्पर्धाओं में 12 स्वर्ण, 3 रजत और एक कांस्य पदक जीता।

राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता विकास ने पाकिस्तान के गुल जैब को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से हराया। नरेंदर को भी नेपाल के आशीष दुवादी को 5-0 से हराने के लिए अधिक पसीना नहीं बहाना पड़ा। स्पर्श कुमार को हालांकि पाकिस्तान के सैयद मोहम्मद आसिफ के खिलाफ 4-1 की जीत के दौरान कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

वरिंदर सिंह (60 किग्रा) स्पर्धा के अंतिम दिन फाइनल में शिकस्त झेलने वाले एकमात्र भारतीय रहे। उन्हें कड़े मुकाबले में नेपाल के सानिल शाही के खिलाफ 2-3 की हार से रजत पदक से संतोष करना पड़ा। मंगलवार को फाइनल में उतरी भारत की सभी महिला मुक्केबाजों ने स्वर्ण पदक जीता।

विश्व चैंपियनशिप की पूर्व रजत पदक विजेता सोनिया ने श्रीलंका की क्रिस्मी आयोमा दुलांग लंकापुरयालगे के खिलाफ 5-0 की आसान जीत दर्ज की, जबकि राष्ट्रमंडल खेल 2014 की कांस्य पदक विजेता पिंकी और मंजू को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। रानी ने नेपाल की राइ माला को 3-2 से हराया, जबकि मंजू ने भी नेपाल की पूनम रावल को इसी अंतर से मात दी।

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