टोक्यो: अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) ने बताया कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां से दो पैरा खिलाड़ियों को सुरक्षित बाहर निकाल दिया गया है लेकिन उसने उनके ठिकाने के बारे में जानकारी नहीं दी। इन खिलाड़ियों को तोक्यो पैरालंपिक खेलों से बाहर होने के लिये मजबूर होना पड़ा था।
ताइक्वांडो के दो खिलाड़ियों जाकिया खुदादादी और हुसैन रसोली को तोक्यो पैरालंपिक खेलों में अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व करना था लेकिन तालिबान के कब्जे के बाद वे अपने देश में ही फंस गये।
आईपीसी प्रवक्ता क्रेगे स्पेन्स से जब इन खिलाड़ियों और उनके खेलों में भाग लेने की संभावना के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा, स्थिति नहीं बदली है। हमने एकता प्रदर्शित करने के लिये उद्घाटन समारोह में (अफगानिस्तान का) ध्वज फहराया। दोनों खिलाड़ी अब अफगानिस्तान से बाहर है। उन्हें बाहर निकाल दिया गया है। हम जानते हैं कि वे कहां हैं।
अफगानिस्तान के खिलाड़ियों को खेलों से हटना पड़ा क्योंकि देश पर तालिबान के कब्जे के बाद राजधानी काबुल से सभी उड़ानें रद्द कर दी गयी थी।
स्पेन्स ने कहा, हमारी प्राथमिकता अभी उनके खेल में भाग लेने पर नहीं बल्कि उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा पर है तथा हम इसे सुनिश्चित करने के लिये संबंधित व्यक्तियों के साथ काम कर रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण उनकी सुरक्षा है और वे सुरक्षित हैं।
अफगानिस्तानी खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में टोक्यो पैरालंपिक में लहराया था झंडा
इससे पहले तालिबान के अधिग्रहण के बाद अफगानिस्तान के खिलाड़ियों को पैरालंपिक खेलों से बाहर होने पड़ा था लेकिन अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) के प्रमुख एंड्रयू पार्सन्स के आदेशआनुसार टोक्यो खेलों के उद्घाटन समारोह में अफगानिस्तान देश के झंडे को एकजुटता के संकेत के रूप में दिखाया गया था।
अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद राजधानी काबुल से सभी उड़ानें रद्द कर दी गई जिससे वहां के खिलाड़ियों को खेलों से हटने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त कार्यालय के प्रतिनिधि मंगलवार को उद्घाटन समारोह के दौरान राष्ट्रीय स्टेडियम में अफगानिस्तान के ध्वजवाहक बने थे।
पैरा-ताइक्वांडो खिलाड़ी जकिया खुदादादी इन खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाली अफगानिस्तान की पहली महिला पैरा-एथलीट बनीं थी। उन्हें टीम के साथी हुसैन रसौली के साथ यहां प्रतिस्पर्धा पेश करनी थी।