Indian Olympic Association : भारत ने ओलंपिक 2036 की मेजबानी की दावेदारी पेश कर दी और लंबे समय से अधर में लटके राष्ट्रीय खेल विधेयक को संसद में पेश किए जाने की भी संभावनाएं दिख रही हैं लेकिन इन अच्छी खबरों के बीच वर्ष 2024 में भारतीय खेल प्रशासन में अंतर्कलह और सत्ता के संघर्ष की दास्तान भी बदस्तूर जारी रही।
भारतीय खेलों में बाकी चीजों की तरह प्रशासकों का प्रदर्शन भी मिला जुला रहा।
लेकिन कुछ मामलों में उम्मीद की किरण भी दिखी मसलन भारत ने 2036 ओलंपिक खेल की दावेदारी के इरादे का पत्र अक्टूबर में जमा कर दिया। इसकी राह हालांकि उतनी आसान नहीं होगी।
इससे पहले पीटी उषा (PT Usha) की अध्यक्षता वाले भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) में साल भर उथल पुथल रही और आईओए यह बताने में नाकाम रहा कि पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics) में भारत की पदक संख्या दोहरे अंक में क्यों नहीं पहुंच सकी।
करीब आधा दर्जन भारतीय खिलाड़ी चौथे स्थान पर रहे लेकिन पेरिस ओलंपिक में कम से कम दस पदकों की उम्मीद थी।
आईओए में गुटबाजी हमेशा से रही थी और उषा की अध्यक्षता में इस समय भी कोई अपवाद देखने को नहीं मिला। एक सीईओ की नियुक्ति को लेकर विवाद पूरे साल छाया रहा जिसमें कार्यकारी परिषद के 15 में से 12 सदस्य उषा के खिलाफ थे।
इसकी शुरूआत राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals) और पुणे सुपरजाइंट्स (Pune Super Giants) जैसी IPL टीमों के पूर्व शीर्ष अधिकारी रहे रघुराम अय्यर (Raghuram Iyer) की आईओए सीईओ के पद पर नियुक्ति के साथ हुई। कार्यकारी परिषद के 12 सदस्यों ने उषा पर सीईओ की नियुक्ति स्वीकार करने के लिए उन पर दबाव बनाने का आरोप लगाकर नियुक्ति को मानने से इनकार कर दिया।
आरोप प्रत्यारोप के दौर के बीच कोषाध्यक्ष सहदेव यादव (Sahdev Yadav) ने उषा के खिलाफ मानहानि का मामला दायर करने की धमकी दी। उषा ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करके पद पर बने रहने की उनकी पात्रता पर स्पष्टीकरण मांगा था।
सितंबर में परिषद की बैठक में आनलाइन जुड़े अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सदस्य के सामने एक दूसरे पर कीचड़ उछाला गया।
IOC ने आईओए को सालाना साढे आठ करोड़ रूपए का ओलंपिक एकजुटता अनुदान रोक दिया जो खिलाड़ियों के विकास कार्यक्रमों के लिए दिया जाता है। यह आईओए को प्रशासन ढर्रे पर लाने के लिये दी गई चेतावनी थी।
इसके बावजूद आईओए अधिकारियों को सदबुद्धि नहीं आई और दोनों पक्षों ने अलग अलग तारीखों पर आमसभा की विशेष बैठक बुलाई। बाकी 12 सदस्यों का एजेंडा उषा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना था। लेकिन एक अक्टूबर को भारत ने ओलंपिक 2036 की मेजबानी के इरादे का पत्र आईओसी के भावी मेजबान आयोग को सौंपा तब दोनों पक्षों ने बैठक स्थगित कर दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2023 में आईओसी के मुंबई में हुए सत्र के दौरान भारत की 2036 ओलंपिक की मेजबानी की इच्छा जाहिर की थी।
उषा और नए खेलमंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने खिलाड़ियों को केंद्र में रखकर पहल करने को प्राथमिकता दी। इसके तहत सक्रिय और रिटायर्ड खिलाड़ियों के लिए कई योजनाएं शुरू की गई।
खेलो इंडिया खेल (Khelo India Games) में पदक जीतने वालों को सरकारी नौकरियों में पात्रता दी गई। उषा ने एशियाई खेल कार्यक्रम में योग (Yoga in Asian Games) को शामिल करने पर जोर दिया और उन्हें खेलमंत्री का समर्थन मिला। रणधीर सिंह (Randhir Singh) की अध्यक्षता वाली एशियाई ओलंपिक परिषद (Olympic Council of Asia) ने जापान में 2026 में होने वाले एशियाई खेलों में योग को नुमाइशी खेल के तौर पर शामिल किया है।
उषा ने सभी पूर्व ओलंपियनों के लिए मेडिकल बीमा और पेंशन योजना का भी प्रस्ताव रखा है।
मंत्रालय ने खेल विधेयक का नया मसौदा जारी किया है जिसमें आईओए और राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिए एक नियामक निकाय बनाने का प्रावधान है ताकि उनके संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके। इसके साथ ही प्रशासकों की आयु और कार्यकाल में छूट दी जा सके।
उषा ने ओलंपिक चार्टर में निहित आईओए और एनएसएफ की स्वायत्तता के लिए संभावित खतरे की ओर इशारा किया। मांडविया ने आश्वासन दिया कि नियामक निकाय स्वायत्त होगा और आईओए या एनएसएफ के रोजमर्रा के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करेगा।
आईओसी ने इस विधेयक पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है जिसे 2025 की शुरुआत में बजट सत्र के दौरान संसद में पेश किए जाने की संभावना है। लेकिन जब भी उसे लगेगा कि किसी तीसरे पक्ष ने हस्तक्षेप किया है तो वह कार्रवाई करेगा जैसा कि दिसंबर 2012 से फरवरी 2014 तक आईओए के 14 महीने के निलंबन के दौरान हुआ था।
एक अहम घटनाक्रम में भारत के लिए पदक लाने वाले खेल जैसे हॉकी, शूटिंग, क्रिकेट, बैडमिंटन और कुश्ती को 2026 के ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों की सूची से बाहर रखा गया है । आयोजकों ने वित्तीय और संचालन संबंधी बाधाओं का हवाला दिया है।
इस घटना ने हालांकि ज्यादा तूल नहीं पकड़ा क्योंकि मेजबान शहर का अपनी पसंद का कार्यक्रम रखने का अधिकार निर्विवाद है।
अनुभवी खेल प्रशासक रणधीर सिंह नयी दिल्ली में आयोजित एशियाई ओलंपिक परिषद की आम सभा के दौरान इसके अध्यक्ष चुने जाने वाले पहले भारतीय बने।
वहीं नीता अंबानी (Nita Ambani) को फिर से स्वतंत्र आईओसी सदस्य के रूप में चुना गया और दिग्गज निशानेबाज अभिनव बिंद्रा को ओलंपिक आंदोलन में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए आईओसी द्वारा ओलंपिक ऑर्डर से सम्मानित किया गया। (भाषा)