नई दिल्ली। रियो ओलंपिक में मैराथन धाविका ओपी जैशा पानी नहीं मिलने के कारण फिनिश लाइन पर ही बेहोश हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वो मैराथन में हिस्सा ले रही थीं तब भारत की ओर से कोई भी अधिकारी उन्हें पानी देने के लिए नहीं था। एएफआई ने मामले पर सफाई देते हुए कहा कि जैशा ने ही एनर्जी ड्रिंक लेने से मना कर दिया था।
जैशा के आरोपों पर एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने सफाई दी है। एएफआई ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि जैशा ने खुद ही अपने लिए खास ड्रिंक लेने से मना किया था।
इस पर जैशा ने कहा है कि इस मामले में जांच की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें अपने पूरे करियर के दौरान कभी किसी तरह की कोई शिकायत नहीं की तो अब ऐसा झूठ क्यों बोलेंगी।
उल्लेखनीय है कि मैराथन का नियम है कि हाइड्रेटिंग से बचने के लिए ओलंपिक अधिकारी हर ढाई किलोमीटर पर पानी के लिए स्टॉल की व्यवस्था करते है।
एएफआई के सचिव सी के वाल्सन भी रियो में मौजूद थे, उन्होंने कहा कि यह आयोजकों की जिम्मेदारी होती है कि वे पानी और एनर्जी ड्रिंक मुहैया कराये। इसके लिए पूरे कोर्स में पानी और एनर्जी ड्रिंक के कई स्टेशन होते हैं। हम भी अपने एथलीटों को पानी और एनर्जी ड्रिंक दे सकते थे लेकिन किसी ने भी और न ही उनके कोचों ने हमें इसके बारे में सूचित किया कि उन्हें अलग से पानी और एनर्जी ड्रिंक की जरूरत है।
जब इस घटना के बारे में खेल मंत्री विजय गोयल से पूछा गया तो उन्होंने कि यह भारतीय एथलेटिक्स महासंघ की जिम्मेदारी थी। उन्होंने कहा कि हर बार कोई छोटी घटना होती है तो हम इसका संज्ञान लेते हैं। यह एएफआई का काम था, यह महासंघ की जिम्मेदारी है, उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी।