तिरुवनंतपुरम। विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली देश की एकमात्र महिला एथलीट लांग जंपर अंजू बॉबी जार्ज ने केरल राज्य खेल परिषद के अध्यक्ष पद से बुधवार को इस्तीफा दे दिया और परिषद की कार्यशैली की जांच कराने की मांग की।
अंजू बॉबी ने एक संवाददाता सम्मेलन में केरल राज्य खेल परिषद के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। उनके साथ पैनल के 13 सदस्यों ने भी इस्तीफा दे दिया है। खेल परिषद ने बुधवार सुबह अपनी बैठक की जिसमें अंजू ने सदस्यों को अपने फैसले से अवगत कराया और फिर संवाददाता सम्मेलन में अपने फैसले की सार्वजनिक घोषणा की।
पूर्व एथलीट का आरोप है कि केरल के खेल मंत्री ईपी जयराजन ने उनका अपमान किया है। जयराजन ने अंजू पर अध्यक्ष पद के रुप में वित्तीय अनियमितताएं करने कथित रूप से आरोप लगाया था। अंजू ने संवाददाताओं से कहा कि खेल किसी पार्टी या राजनीति के दायरे से बाहर है। मुझे खुशी थी कि मुझे खेल परिषद की अध्यक्ष बनने का मौका मिला था लेकिन दुर्भाग्य से वह काम नहीं हो पाया जो मैं चाहती थी। इसलिए मैंने अपना पद छोड़ने का फैसला कर लिया है।
अंजू ने साथ ही कड़े शब्दों में कहा, 'वे खेल को मार सकते हैं लेकिन खिलाड़ियों को हराया नहीं जा सकता।' अंजू को उम्मन चांडी के नेतृत्व वाली पिछली यूडीएफ सरकार ने खेल परिषद के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया था। खेल परिषद के अन्य सदस्यों में भारतीय राष्ट्रीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश, वालीवॉल खिलाड़ी टॉम जोसफ और एथलीट प्रीजा श्रीधरन शामिल हैं।
जयराजन के आरोपों के बाद भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) अंजू जॉर्ज के बचाव में आगे आया था। आईओए ने कहा था कि आईएएएफ विश्व एथलेटिक्स फाइनल की स्वर्ण पदक विजेता और विश्व चैंपियनशिप की कांस्य विजेता एथलीट अंजू के खिलाफ इस तरह के आरोप लगाना बेहद दुखद और गैर जरूरी है।
आईओए ने केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन से अपील की थी कि वह अंजू बॉबी को समर्थन दें और उनका सहयोग करें। इससे पहले भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने अंजू बॉबी के समर्थन में आगे आते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन से उन्हें समर्थन देने की अपील की थी। (वार्ता)