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एशियाई कुश्ती में बजरंग को 'मंगल' का मिला स्वर्णिम आशीर्वाद

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, मंगलवार, 23 अप्रैल 2019 (20:35 IST)
नई दिल्ली। ऐसा लगता है कि मंगलवार के दिन भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया पर बजरंगबली मेहरबान थे और उन्होंने अपना आशीर्वाद भी दे दिया। बजरंग ने अपनी श्रेष्ठता बरकरार रखते हुए चीन में चल रही एशियाई कुश्ती प्रतियोगिता के 65 किग्रा फ्री स्टाइल वर्ग में मंगलवार के दिन स्वर्ण पदक जीत लिया।

प्रवीण राणा को 79 किग्रा में रजत और सत्यव्रत कादियान को 97 किग्रा में कांस्य पदक मिला जबकि रवि कुमार 57 किग्रा में कांस्य पदक से चूक गए। 
 
राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के स्वर्ण विजेता तथा विश्व चैंपियनशिप के रजत विजेता बजरंग ने फाइनल में कजाखिस्तान के सयातबेक ओकासोव को 12-7 से पराजित किया।

बजरंग के स्वर्ण जीतते ही उनके हरियाणा के सोनीपत स्थित योगेश्वर दत्त अखाड़े में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। बजरंग के गुरु योगेश्वर और अखाड़े के कोच द्रोणाचार्य अवार्डी रामफल के अलावा अर्जुन अवॉर्डी कृपाशंकर बिश्नोई ने बजरंग को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।
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विश्व के नंबर एक पहलवान बजरंग ने मुकाबले में शानदार वापसी करते हुए जीत हासिल की। वह पहले राउंड में 2-5 से पिछड़ गए थे लेकिन उन्होंने वापसी करते हुए मुकाबला 12-7 से जीत लिया।

बजरंग ने 2017 में दिल्ली में यह खिताब जीता था जबकि अगले वर्ष बिश्केक में उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था। उन्होंने इस बार फाइनल में एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता ओकासोव को हराया।
 
भारतीय पहलवान पहले मिनट में 0-4 से पिछड़ गए। ब्रेक पर ओकासोव ने 5-2 की बढ़त बना ली। दूसरे राउंड में ओकासोव की बढ़त 7-2 पहुंच गयी। लेकिन मुकाबले में एक मिनट शेष रहते बजरंग ने जवाबी हमला किया और ओकासोव को दांव में फंसाते हुए दो अंक लेकर स्कोर 4-7 कर दिया। बजरंग ने विपक्षी पहलवान को फिर कोई मौका नहीं दिया और स्वर्ण पदक जीतकर ही दम लिया।
 
राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के स्वर्ण विजेता बजरंग ने पहले राउंड में श्रीलंका के डिवोशन चार्ल्स फर्नाडों को 10-0 से पीटा और फिर क्वार्टरफाइनल में ईरानी पहलवान पेईमैन बियोकागा बियाबानी को 6-0 से तारे दिखा दिये। भारतीय पहलवान ने सेमीफाइनल में उज्बेकिस्तान के सिरोजिदिन खासानोव को 12-1 से हराकर फाइनल में जगह बना ली जहां उन्होंने ओकासोव को हराया।
 
79 किग्रा में प्रवीण राणा ने शानदार प्रदर्शन किया और फाइनल में जगह बना ली लेकिन उन्हें रजत से संतोष करना पड़ा। राणा ने क्वालिफिकेशन में मंगोलिया के टग्स एर्डेन डेनजेनशाराव को 6-2 से, क्वार्टर फाइनल में जापान के यूता एबे को 6-6 से और सेमीफाइनल में कजाखिस्तान के गेलेमझान उसेरबाएव को 3-2 से पराजित किया। राणा का फाइनल में बहमन मोहम्मद तैमूरी से मुकाबला हुआ, जिसमें उन्हें 0-3 से पराजय मिली।
 
भारत के सत्यव्रत कादियान 97 किग्रा वर्ग के कांस्य पदक मुकाबले में पहुंचे और उन्होंने चीन के हाओबिन गाओ को 8-2 से हराकर कांस्य जीता।सत्यव्रत 97 किग्रा के क्वार्टरफाइनल में हार गये थे लेकिन उन्हें हराने वाले मंगोलियाई पहलवान के फाइनल में पहुंचने के कारण सत्यव्रत को कांस्य पदक मुकाबले में उतरने का मौका मिल गया जहां उन्होंने पदक जीत लिया।
 
रवि कुमार ने 57 किग्रा वर्ग में रेपचेज में ताइपे के चिया सो लियू को 4-0 से पराजित कर कांस्य पदक मुकाबले में जगह बनाई जहां उनका सामना जापान के यूकी ताकाहाशी से हुआ लेकिन रवि 3-1 की बढ़त बनाने के बाद 3-5 से हार गए। उन्होंने अंतिम 10 सेकंड में विपक्षी पहलवान को अंक दे दिए। 
 
70 किग्रा में रजनीश को पहले ही दौर में ईरान के योनेस आलियकबार से 0-11 से हार का सामना करना पड़ा था। ईरानी पहलवान के सेमीफाइनल में हारने से रजनीश की आगे जाने की चुनौती समाप्त हो गई।
 

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