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'रियो ओलंपिक' में जीतना चाहती हूं पदक : दुती चंद

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कोलकाता , मंगलवार, 26 जुलाई 2016 (22:50 IST)
कोलकाता। ओलंपिक 100 मीटर के लिए क्वालीफाई करने वाली भारत की दूसरी महिला एथलीट दुती चंद बीती बातों को भुलाकर रियो में उन सैकड़ों वंचित एथलीटों के लिए पदक जीतना चाहती हैं जिन्हें उनकी तरह भेदभावपूर्ण जिंदगी जीनी पड़ी। 
पीटी उषा के बाद दुती दूसरी भारतीय महिला एथलीट हैं जिन्होंने फर्राटा दौड़ के लिए क्वालीफाई किया। उषा ने मास्को ओलंपिक 1980 में 100 मीटर और 200 मीटर में भाग लिया था। वह हालांकि 1988 सोल ओलंपिक में क्वालीफिकेशन मानक तय किए  जाने के बाद इस स्पर्धा में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट हैं। 
 
दुती ने हैदराबाद से कहा, मैं अब जिंदगी की चुनौतियों से नहीं डरती। जितनी बड़ी प्रतियोगिता होगी, मेरा समय उतना बेहतर होगा। प्रत्‍येक की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते हैं। मेरे लिए पिछली जिंदगी अंधेरे से भरी रही है। मैं पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहती हूं। मैं रियो में अच्छा प्रदर्शन करना चाहती हूं।  
 
उन्होंने कहा, मैंने अपने लिए  समय तय नहीं किया। कोई भी एथलीट समय की भविष्यवाणी नहीं कर सकता है लेकिन मुझे अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है और क्या पता कि मैं कौन से स्थान पर रहूंगी। दो साल पहले दुती को आईएएएफ ने उनके शरीर में टैस्टोस्टेरोन की मात्रा अधिक पाए जाने के कारण प्रतिबंधित कर दिया था। 
 
ओड़िसा के चाका गोपालपुर गांव के बुनकर की बेटी दुती को ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेल और इंचियोन एशियाई खेलों से बाहर कर दिया गया था। दुती ने हालांकि हार नहीं मानी और खेल पंचाट तक अपने मामले को ले गईं जहां उन्हें जीत मिली। 
 
दुती ने कहा, मैंने अपनी जिंदगी में कुछ भी गलत नहीं किया। तथा रियो में जीत केवल मेरी नहीं बल्कि कई अन्य वंचित तबके के खिलाड़ियों की जीत होगी जिनके पास खुद को आगे बढ़ाने के लिए पैसा नहीं है। (भाषा) 

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