गंगटोक:अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष पद के चुनाव में अपनी हार स्वीकार करते हुए पूर्व भारतीय फुटबाल कप्तान बाइचुंग भूटिया ने शुक्रवार को फुटबाल की बेहतरी के लिए काम करते रहने का संकल्प लिया।
भूटिया ने देश में फुटबॉल के शासी निकाय के शीर्ष पद के लिए कल्याण चौबे से हारने के बाद कहा,“ मैं अपनी हार को विनम्रता के साथ स्वीकार करता हूं। मैं दो दशकों से अधिक समय से फुटबॉल का सेवक रहा हूं और (उसी भावना से) आगे भी रहूंगा। ”
मतगणना में पूर्व गोलकीपर चौबे से 33-1 से हारने वाले भूटिया ने उन्हें वोट करने वाले एकमात्र संघ को धन्यवाद दिया।
भूटिया ने कहा, “ मैं समझता हूं कि मेरे अनुयायी और शुभचिंतक परेशान हैं। मैं सभी का बहुत आभारी हूं। मैं सिक्किम और राष्ट्रीय स्तर पर फुटबॉल को साफ करने का प्रयास कर रहा हूं। मैं फुटबॉल की बेहतरी के लिए काम करता रहूंगा।”
इस बीच, भाजपा की सिक्किम इकाई के प्रवक्ता राजू गिरी ने कुछ राजनीतिक दलों की आलोचना की जिन्होंने दावा किया था कि उनकी पार्टी ने भूटिया पर चुनाव से हटने के लिए राजनीतिक दबाव डाला था।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने भूटिया को फोन करके चुनाव से हटने के लिये नहीं कहा था, और यह दावा निराधार है।
उन्होंने सवाल किया, “35 संघ विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं। वे एक ही पार्टी द्वारा शासित नहीं हैं। उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का शासन है। तो ऐसी चीजें कैसे संभव हो सकती हैं?”
भारतीय फुटबॉल को साथ मिलकर आगे ले जाएंगे: चौबे
अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष कल्याण चौबे ने शुक्रवार को कहा कि वह भारतीय फुटबाल को एक साथ आगे ले जाने के लिए सभी हितधारकों के संग जुड़ेंगे।
पूर्व गोलकीपर चौबे ने एआईएफएफ चुनाव में भारत के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया को हराकर शीर्ष पद हासिल करने के बाद यह बात कही।
उन्होंने कहा, “ शुरुआत में, हम एक अल्पकालिक योजना पर काम करेंगे, और फिर इस महीने के अंत में कोलकाता में मिलेंगे। हमने पिछले 19 महीनों से सुप्रीम कोर्ट में एक साथ लड़ाई लड़ी है, और इस मुकाम तक पहुंचने में सभी का काफी समय, प्रयास और संसाधन लगे हैं। ”
चौबे ने कहा, “ मैं भारतीय फुटबॉल की विभिन्न वर्तमान चुनौतियों पर काम करने के लिए, और संबंधित राज्यों के सपनों को साकार करने के लिए सभी प्रतिष्ठित फुटबॉलरों को शामिल करना चाहता हूं। 100 दिनों के बाद, हम भारतीय फुटबॉल के लिए रोडमैप का अनावरण करने और अगला कदम उठाने की योजना बना रहे हैं। ”
चौबे ने कहा कि अध्यक्ष चुने जाने के बाद उन्हें फीफा अध्यक्ष गियानी इन्फेंटिनो का फोन आया था।
चौबे ने कहा, “मुझे फीफा अध्यक्ष का फोन आया। वह इस साल के अंत में मुझसे ज्यूरिख या दोहा में मिलना चाहते थे। मैंने उन्हें अगले कुछ दिनों के महत्व के बारे में बताया। हमारे पास अगले महीने फीफा अंडर17 महिला विश्व कप भारत 2022 है। मैंने उनसे कहा कि हमें आपस में चर्चा करने की आवश्यकता है कि हम चीजों को कैसे आगे लेकर चलेंगे। इसके बाद हम अपनी योजनाओं को विस्तार से उनके सामने पेश करेंगे। ”
उन्होंने कहा, “ फीफा अध्यक्ष ने मुझे यह भी बताया कि वह भारतीय फुटबॉल में हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की रुचि और खेल के प्रति उनके समर्थन से प्रभावित थे। ”
चौबे ने बताया कि वह जमीनी स्तर पर अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए विभिन्न स्कूलों तक पहुंचने की योजना बना रहे हैं, जिसके लिये वह युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, धर्मेंद्र प्रधान और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ भी विस्तृत चर्चा करेंगे।
एआईएफएफ अध्यक्ष ने चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी और भारत के पूर्व फुटबॉल दिग्गज बाइचुंग भूटिया के बारे में कहा कि भारतीय फुटबॉल को आगे ले जाने के प्रयासों में उनके विचारों का स्वागत है।
चौबे ने कहा, “भारतीय फुटबॉल में बाइचुंग के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। मैं निश्चित रूप से उनके विचारों का स्वागत करूंगा और सभी के विचारों को ध्यान में रखूंगा। ”
चौबे को जहां एआईएफएफ का अध्यक्ष चुना गया था, वहीं एनए हारिस और किपा अजय को क्रमशः उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष चुना गया था। साथ ही कार्यकारी समिति के 20 सदस्यों (राज्य संघों से 14 और छह पूर्व-प्रतिष्ठित खिलाड़ी) को भी नियुक्त किया गया था।(वार्ता)