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भारतीय बैडमिंटन टीम के मैनेजर को चीन का 'वीजा' नहीं मिला

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, बुधवार, 16 नवंबर 2016 (21:34 IST)
नई दिल्ली। चीन के फुझाऊ में चाइना सुपर सीरिज प्रीमियर बैडमिंटन टूर्नामेंट शुरू हो चुका है और घुटने की चोट से उबरने के बाद कोर्ट पर वापसी करने वाली भारत की स्टार खिलाड़ी साइना नेहवाल भी पहले ही दौर में बाहर हो गई। इसी बीच भारतीय बैडमिंटन टीम के मैनेजर बमांग टैगो टीम के साथ इसलिए नहीं जा सके क्योंकि दिल्ली स्थित चीनी दूतावास ने वीजा नहीं दिया। 
बमांग ने चीनी दूतावास में 10 नवंबर को आवेदन दिया था लेकिन उन्हें अरुणाचल प्रदेश का निवासी होने की वजह से वीजा देने से इनकार कर दिया। टैगो अरुणाचल प्रदेश बैडमिंटन संघ के सचिव भी हैं। टैगो ने गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू से दखल की मांग की थी लेकिन इसके बाद भी वे टीम के साथ चीन नहीं जा सके। 
 
बमांग के अनुसार मैं 10 नवंबर से दिल्ली में हूं लेकिन अभी तक मुझे वीजा नहीं मिला। मैं भारतीय टीम का मैनेजर हूं और वह पहला दौर वहां खेल रही है जबकि मैं यहां फंसा हूं। बमांग कहा कि  जब मैने चीनी दूतावास से इस बारे में पूछा तो अधिकारियों ने मुझे बताया कि अरुणाचल प्रदेश का होने के कारण मुझे चीन से मंजूरी की जरूरत है। 
 
बमांग ने कहा कि मैंने आज किरण रिजिजू से मुलाकात की और उनके दखल की मांग की। उन्होंने कहा कि वह मामले पर गौर करेंगे। उम्मीद है कि कुछ सकारात्मक होगा। बमांग को 16 से 20 नवंबर तक चलने वाले चाइना सुपर सीरिज प्रीमियर बैडमिंटन टूर्नामेंट में भारतीय टीम के साथ जाना था, लेकिन वीजा नहीं मिलने से वे नहीं जा सके। 
 
भारतीय बैडमिंटन संघ ने भारतीय दल के सभी सदस्यों के दस्तावेज चीनी दूतावास में कई सप्ताह पहले जमा कराए थे। बाकी सभी 13 सदस्यों को वीजा आसानी से मिल गया और वे 12 नवंबर को फुझोउ रवाना हो गए लेकिन टैगो यही रह गए।
 
उन्होंने कहा मुझे अरुणाचल का होने के कारण वीजा नहीं मिला। चीन का यह रवैया पक्षपातपूर्ण है। भारत की आजादी के बाद 1962 में हुए चीन के हमले को 54 साल हो गए। अरुणाचल प्रदेश का मसला अभी भी विवादित है, जिससे अरुणाचल के मूल निवासियों का भविष्य अनिश्चित हो गया है।
 
इससे पहले 2011 में भारत की पांच सदस्यीय कराटे टीम को क्वांझू में एशियाई कराटे चैम्पियनशिप में जाने की अनुमति नहीं मिली थी जिनके पास स्टैप्ल्ड वीजा थे। जनवरी 2012 में अरुणाचल की भारोत्तोलन टीम इसी जवह से नहीं जा सकी थी। अक्टूबर 2013 में अरुणाचल के दो युवा तीरंदाज चीन के वुक्सी में युवा विश्व तीरंदाजी चैम्पियनशिप में भाग नहीं ले सके थे।

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