सुझोउ। चीन की ऐतिहासिक यात्रा पर पहुंच गई भारतीय फुटबॉल टीम 13 अक्टूबर को होने वाले अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैच में चीनी ड्रैगन को पहली बार काबू करने उतरेगी। भारतीय फुटबॉल टीम 21 साल बाद चीनी टीम से खेलेगी।
यह ऐतिहासिक मैच 13 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार शाम 5.05 बजे से सुझोउ सिटी सेंटर ओलम्पिक स्टेडियम में खेला जाएगा। भारतीय फुटबॉल टीम 21 साल बाद चीनी टीम से खेलेगी। यही नहीं भारतीय टीम का यह अब तक का पहला चीनी दौरा है। भारतीय टीम का यह दौरा प्रतिष्ठित एशियन कप की तैयारियों के लिए है। एएफसी एशियन कप अगले साल पांच जनवरी से एक फरवरी तक यूएई में होगा।
विश्व रैंकिंग में भारतीय टीम 97वें और चीन की टीम 76वें नंबर पर है। भारतीय फुटबॉल टीम का रिकॉर्ड चीन के सामने बेहद निराशाजनक रहा है। दोनों टीमें अभी तक 17 बार आमने-सामने हुई हैं, लेकिन भारत को अभी तक सफलता का इंतजार है। दोनों टीमें आखिरी बार 1997 में नेहरू कप में भिड़ी थीं। अभी तक सारे मैच भारत में ही खेले गए हैं और अब भारत पहली बार चीन में मैच खेलेगा, ऐसे में उम्मीदें काफी हैं कि भारत अपने पुराने प्रदर्शन को पीछे छोड़ेगा।
इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के क्लब बेंगलुरु एफसी के मिडफील्डर एरिक पार्टालू ने कहा, भारत चीन के खिलाफ अच्छा मुकाबला खेलेगा। भारत इस समय बदलाव के दौर से गुजर रहा है, क्योंकि उसके कई खिलाड़ी संन्यास ले चुके हैं और युवा खिलाड़ी टीम में आ रहे हैं। मुझे लगता है कि भारत को एशियन कप से पहले उनके खिलाफ खेलना चाहिए, क्योंकि अगले साल यूएई में वह अपने से कड़े प्रतिद्वंद्वी के सामने होंगे।
पार्टालू भारत और चीन की घरेलू फुटबॉल से पूरी तरह से वाकिफ हैं। वह 2013 में चीन सुपर लीग में तियांजिन टेडा के लिए खेल चुके हैं। यह ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी अब भारत में प्रभावशाली खिलाड़ियों में गिना जाता है और उन्होंने खेल के विकास को इस देश में काफी करीब से देखा भी है।
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि भारतीय फुटबॉल को अभी लंबा सफर तय करना है। बीते पांच वर्षों में काफी कुछ हुआ है। हर कोई रैंकिंग में उनके तेजी से आगे आने की तारीफ कर रहा है। मैं उन्हें उस तरह देख रहा हूं, जैसा 20 साल पहले चीन था। चीन के कोच इस समय मार्सेलो लिप्पी हैं, जो इटली की 2006 में विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा थे। उन्होंने चीन सुपर लीग के कई क्लबों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। (वार्ता)