गोल्ड कोस्ट। बजरंग पूनिया (65 किग्रा) ने अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए शुक्रवार को यहां आसानी से अपने मुकाबले जीतकर 21 वें राष्ट्रमंडल खेलों की कुश्ती प्रतियोगिता में भारत का स्वर्ण बटोरो अभियान जारी रखा जबकि मौसम खत्री और पूजा ढांडा ने रजत पदक अपने नाम किए। भारत ने शुक्रवार को भी चारों मुकाबले में पदक हासिल किए।
दिव्या काकरान ने महिलाओं के 68 किग्रा में कांस्य पदक हासिल किया। इस तरह से भारत कुश्ती में अब तक सभी 8 मुकाबलों में पदक जीतने में सफल रहा। उसके नाम पर कुश्ती में 3 स्वर्ण, 3 रजत और 2 कांस्य पदक दर्ज हैं। बजरंग से पहले गुरुवार को स्टार पहलवान सुशील कुमार और राहुल अवारे ने स्वर्ण पदक जीते थे।
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त के शिष्य बजरंग को अपने किसी भी प्रतिद्वंद्वी को हराने में कोई परेशानी नहीं हुई। हरियाणा के इस 24 वर्षीय पहलवान ने खिताबी मुकाबले में वेल्स के केन चैरिग के खिलाफ शुरू से ही दबदबा बनाए रखा और 10-0 से जीत दर्ज की। उन्होंने इस तरह से भारत को इन खेलों का 16 वां स्वर्ण पदक दिलाया।
बजरंग ने कहा कि यह स्वर्ण पदक मेरे कुश्ती करियर में शानदार सुधार का सबूत है क्योंकि मैंने पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता था। मैं 4 मुकाबले लड़ा। मैंने इसके लिए बहुत अच्छी तैयारी की थी। फाइनल में बहुत कम समय में मुकाबला जीतने के बारे में उन्होंने कहा कि मैंने समय पर गौर नहीं किया लेकिन मैं जल्द से जल्द इसे खत्म करना चाहता था।
उन्होंने कहा कि मैं अपने सभी प्रतिद्वंद्वियों का सम्मान करता हूं। हम सभी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते हैं लेकिन आज मेरा दिन था। चार साल पहले ग्लास्गो में रजत पदक जीतने वाले बजरंग ने करारा स्पोर्ट्स एरेना में अपने प्रतिद्वंद्वी को कोई मौका नहीं दिया और उन्हें तकनीकी दक्षता के आधार पर विजयी घोषित किया गया।
असल में बजरंग का दबदबा इस तरह से था कि उन्होंने शुक्रवार को अपने सभी मुकाबले तकनीकी दक्षता के आधार पर जीते क्योंकि उनका कोई भी प्रतिद्वंद्वी उन्हें चुनौती नहीं दे पाया। उन्होंने पहले मुकाबले में न्यूजीलैंड के ब्रह्म रिचर्ड्स को हराया और फिर नाईजीरिया के अमास डेनियल को शिकस्त दी।
सेमीफाइनल में पूनिया ने कनाडा के विन्सेंट डि मारिनिस को पराजित किया। विश्व चैंपियनशिप 2013 के कांस्य पदक विजेता बजरंग ने 2016 और 2017 राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते थे। भारत को पुरुष वर्ग में मौसम खत्री (97 किग्रा) से भी स्वर्ण पदक की उम्मीद थी लेकिन हरियाणा के इस 27 वर्षीय पहलवान को दक्षिण अफ्रीका के मार्टिन ऐरास्मस से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
इस मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के 23 साल के एरास्मस बेहतर नियंत्रण में दिखे और उन्होंने 12-2 के स्कोर पर पहुंचने के बाद तकनीकी दक्षता के आधार पर यह मुकाबला अपने नाम किया। इससे पहले खत्री ने क्वार्टर फाइनल में साइप्रस के एलेक्सियो कौसलिदिस और सेमीफाइनल में नाइजीरिया के सोसो तमारो को हराया था।
खत्री ने कहा कि मैं स्वर्ण पदक जीतना चाहता था जो नहीं हो पाया और इसके लिए मैं खुद दोषी हूं। मैं आगे यह सुनिश्चित करूंगा कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं हो। महिलाओं के वर्ग में पूजा ढांडा ने 57 किग्रा के फाइनल में जगह बनाई लेकिन स्वर्ण पदक के मुकाबले में उन्हें नाईजीरिया की ओडुनायो आडेकुरोए से 5-7 से हार झेलनी पड़ी और इस तरह से उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
पूजा ने कहा कि मैंने दूसरे राउंड में जिस तरह का प्रदर्शन किया अगर मैं पूरे मुकाबले में वैसा ही प्रदर्शन करती तो जीत सकती थी। मैंने अवसरों का फायदा नहीं उठाया। अगली बार मैं पदक का रंग बदलने की कोशिश करूंगी। इससे पहले दिव्या काकरान महिलाओं के 68 किग्रा में नाईजीरिया की 2 बार की राष्ट्रमंडल पदक विजेता ब्लेसिंग ओबोरूडुडु से हार गई लेकिन वह कांस्य पदक के मुकाबले में बांग्लादेश की शेरिन सुल्ताना को 4-0 से हराने में सफल रही। (भाषा)