Female Wrestlers Sexual Harassment Case : दिल्ली की अदालत ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ छह पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित मामले की दलीलों पर अगली सुनवाई निर्धारित की है।
छह महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित मामले में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने पर सुनवाई 28 नवंबर की तय की गई है।
30 अक्टूबर को पिछली सुनवाई हुई थी जिसमे अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने दोनों पक्षों के वकीलों को अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था ताकि उन्हें "व्यवस्थित तरीके" से किया जा सके। बुधवार को बृज भूषण शरण सिंह के वकील ने दलीलें दाखिल की, जिसके बाद न्यायाधीश ने मामले को आगे की कार्यवाही के लिए 28 नवंबर पर कर दिया।
दिल्ली पुलिस ने सिंह Brijbhushan Singh पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 354 A (यौन उत्पीड़न), 354-D (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया है। सह-आरोपी Vinod Tomar पर भी यौन उत्पीड़न, पीछा करने और उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।
आइए जानें बृजभूषण सिंह मामले और भारतीय पहलवानों के विरोध के बारे में
(All about Brijbhushan Singh case and Indian Wrestlers Protest)
18 जनवरी : पहलवानों ने जंतर मंतर पर विरोध शुरु किया, डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण सिंह शरण पर यौन उत्पीड़न और धमकाने का अरोप लगाया, उनके इस्तीफे और महासंघ को भंग करने की मांग की।
* बृजभूषण ने सभी आरोपों से इनकार किया
19 जनवरी : राष्ट्रमंडल खेलों की चैम्पियन पहलवान और भाजपा सदस्य बबीता फोगाट पहलवानों से मिलीं, कहा वह सरकार से बात करेंगी
* प्रदर्शनकारी पहलवान खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से उनके निवास में मिले। कोई हल नहीं निकला।
20 जनवरी : प्रदर्शन जारी रखते हुए पहलवानों ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) अध्यक्ष पीटी ऊषा को शिकायत पत्र लिखा, आरोपों की जांच के लिए जांच समिति गठित करने और डब्ल्यूएफआई का कामकाज देखने के लिये पहलवानों की सलाह से नयी समिति गठित करने मांग की।
* बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए आईओए ने सात सदस्यीय समिति गठित की जिसमें एमसी मैरीकॉम और योगेश्वर दत्त शामिल।
21 जनवरी : पहलवानों ने ठाकुर से मुलाकात के बाद देर रात विरोध प्रदर्शन खत्म किया।
* खेल मंत्री ने कहा कि आरोपों की जांच के लिए एक निगरानी समिति गठित की जायेगी और बृजभूषण जांच पूरी होने तक पद से हट जायेंगे।
* डब्ल्यूएफआई ने जवाब मंत्रालय को सौंपा, महिला पहलवानों पर अध्यक्ष और कोचों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों से इनकार किया।
21 जनवरी : खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई से तुरंत प्रभाव से सभी गतिविधियों को निलंबित करने को कहा जिसमें उत्तर प्रदेश के गोंडा में एक रैंकिंग टूर्नामेंट भी शामिल था, डब्ल्यूएफआई के साथ आपात आम सालाना बैठक तय की।
* डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर निलंबित हुए।
23 जनवरी : आरोपों की जांच के लिए महान मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम की अगुआई में पांच सदस्यीय निगरानी समिति गठत की गयी जिसे जांच पूरी करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया गया।
24 जनवरी : प्रदर्शनकारी पहलवानों ने निराशा जतायी कि समिति के सदस्यों की पंसद पर सरकार ने उनसे सलाह मशविरा नहीं किया।
31 जनवरी : बबीता फोगाट निगरानी समिति से जुड़ीं।
23 फरवरी : निगरानी समिति का कार्यकाल दो हफ्ते तक बढ़ाया गया।
16 अप्रैल : निगरानी समिति की रिपोर्ट खेल मंत्रालय को सौंपने के बाद डब्ल्यूएफआई ने चुनाव के लिए सात मई की घोषणा की। रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गयी।
* बृजभूषण का डब्ल्यूएफआई में चार साल का कार्यकाल पूरा हुआ और खेल संहिता के अंतर्गत वह शीर्ष पद के लिए लड़ने के अयोग्य हो गये। उन्होंने कहा वह अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे।
23 अप्रैल : पहलवान जंतर मंतर लौटे, कहा सात महिला पहलवानों (जिसमें एक नाबालिग भी) ने बृजभूषण के खिलाफ कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की। दावा किया कि पुलिस ने अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की।
* पहलवानों ने खेल मंत्रालय से निगरानी समिति की जांच सार्वजनिक कराने को कहा।
24 अप्रैल : खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई के सात मई को तय चुनाव रोके। आईओए से चुनाव कराने के लिए तदर्थ समिति गठित करने को कहा जो गठन के 45 दिन के अंदर चुनाव कराये और खेल संस्था का कामकाज भी संभाले।
25 अप्रैल : पहलवानों के प्रदर्शन ने राजनीतिक रंग लिया, किसान नेताओं ने भी खिलाड़ियों का समर्थन किया।
* पहलवान बृजभूषण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय पहुंचे।
* उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया
27 अप्रैल : आईओए ने तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया
28 अप्रैल : दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवानों द्वारा बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज कीं।
*पहलवानों ने कहा कि जब तक बृजभूषण को जेल में नहीं भेजा जाता, तब विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
3 मई : पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच हाथापाई हुई, जिससे विरोध कर रहे दो पहलवानों को सिर में चोट लगी।
* पहलवानों ने आरोप लगाया कि नशे की हालत में महिला पहलवानों से हाथापाई और गलत व्यवहार किया गया। इससे कुछ को हिरासत में लिया गया जबकि कुछ पहलवानों को चोटे लगीं।
4 मई : उच्चतम न्यायालय ने तीन महिला पहलवानों द्वारा याचिका की सुनवाई बंद की क्योंकि प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी और शिकायत करने वाली सात पहलवानों को उचिव सुरक्षा मुहैया करायी गयी।
5 मई : दिल्ली पुलिस ने पहलवानों के बयान रिकॉर्ड किये जिन्होंने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये थे।
10 मई: पहलवानों ने बृजभूषण को नार्को टेस्ट कराने की चुनौती दी।
11 मई : पुलिस ने बृजभूषण के बयान रिकॉर्ड किये।
28 मई : पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के साथ अन्य प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ नये संसद भवन की ओर बढ़ने के प्रयास करने के बाद दंगा करने और लोकसेवा के काम में बाधा डालने के लिए मामला दर्ज किया गया । संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा रहा था।
30 मई : अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) और संयुक्त विश्व कुश्ती (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने पुलिस के भारतीय पहलवानों को गिरफ्तार करने और हाथापाई करने की निंदा की।
* पहलवान पदक गंगा में बहाने हरिद्वार पहुंचे।
3 जून: गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) पहलवानों से मिले।
8 जून : नाबालिग पहलवान के पिता ने पीटीआई से कहा कि उन्होंने बृजभूषण के खिलाफ गलत पुलिस शिकायत दर्ज करायी क्योंकि वे उनसे बदला लेना चाहते थे।
7 जून : ठाकुर ने पहलवानों को आश्वासन दिया कि बृजभूषण के खिलाफ पुलिस जांच करायी जायेगी और 30 जून तक डब्ल्यूएफआई के लंबित चुनाव कराये जायेंगे।
8 जून : आईओए ने मशहूर कोच ज्ञान सिंह और अशोक गर्ग को डब्ल्यूएफआई का कामकाज देख रही तदर्थ समिति में शामिल किया।
12 जून : आईओए ने जम्मू कश्मीर के पूर्व प्रधान न्यायाधीश महेश मित्तल कुमार को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया।
13 जून : डब्ल्यूएफआई के चुनाव छह जुलाई को तय किए गए।
15 जून : दिल्ली पुलिस ने अदालत के समक्ष चार्जशीट पेश की।
19 जून : आईओए के तदर्थ पैनल ने पांच गैर मान्यता प्राप्त राज्य कुश्ती इकाईयों को 21 जून को सुनवाई के लिए बुलाया।
21 जून : पांच गैर मान्यता प्राप्त इकाईयों ने चुनावों में मतदान अधिकार की मांग की, सुनवाई में अपनी बात प्रस्तुत की, आईओए के तदर्थ पैनल ने डब्ल्यूएफआई के चुनाव 11 जुलाई को तय किए।
22 जून : आईओए के तदर्थ पैनल ने आगामी एशियाई खेलों और विश्व चैम्पियनशिप के चयन को प्रदर्शन करने वाले छह पहलवानों के लिए एक मुकाबले का किया।
23 जून : कई कोच और पहलवानों के माता पिता ने छह पहलवानों को दी गयी छूट वापस लेने की मांग की।
25 जून : गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने असम कुश्ती संघ द्वारा दायर की गयी एक याचिका पर 11 जुलाई को होने वाले डब्ल्यूएफआई के चुनावों पर रोक लगायी।
12 जुलाई : आईओए की तदर्थ समिति ने 22 और 23 जुलाई को एशियाई खेलों के कुश्ती ट्रायल्स कराने का फैसला किया।
18 जुलाई : दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृजभूषण को अंतरिम जमानत दी।
* ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और विश्व चैम्पियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट को एशियाई खेलों में सीधे प्रवेश मिला।
19 जुलाई : बजरंग और विनेश को ट्रायल्स में अनुचित छूट देने के कारण हिसार में युवा पहलवान सड़कों पर उतर आये।
* डब्ल्यूएफआई के चुनाव सात अगस्त को निर्धारित हुए।
20 जलाई : कई जूनियर पहलवान, उनके माता पिता और कोच आईओए मुख्यालय पहुंचे, विनेश और बजरंग को दी गयी छूट वापस लेने की मांग की।
*डब्ल्यूएफआई के चुनाव फिर 12 अगस्त को तय हुए।
11 अगस्त : पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा कुश्ती संघ द्वारा दायर याचिका के बाद 12 अगस्त को निर्धारित चुनाव रोके।
14 अगस्त : विश्व चैम्पियनशिप के लिए ट्रायल्स पटियाला में 25-26 अगस्त को निर्धारित किये।
15 अगस्त : विनेश फोगाट ने घुटने की चोट के कारण एशियाई खेलों से हटने का फैसला किया।
23 अगस्त : कुश्ती की विश्व संचालन संस्था ने चुनाव समय पर नहीं कराने के लिए डब्ल्यूएफआई को निलंबित किया।