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हारकर भी खुश हैं सिबुलकोवा...

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मयंक मिश्रा

सिबुलकोवा को विंबलडन के क्वार्टर फाइनल तक भी खुद के पहुंचने का भरोसा नहीं था इसलिए उन्होंने अपनी शादी इसी शनिवार को रख ली थी। मगर जब वे क्वार्टर फाइनल तक पहुंच गईं तो शादी की तारीख आगे करने की बातें भी होने लगी थीं, मगर  वेस्नीना ने उनका यह खर्चा बचा लिया। वेस्नीना ने सिबुलकोवा को सीधे सेटों में हराया, अब उनको सेमीफाइनल में सेरेना से खेलना है। सेरेना ने पोलिनचेंकोवा को सीधे सेटों में हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। 
 
सेरेना के लिए यह मैच आसान नहीं था। पोलिनचेंकोवा ने उनको दोनों सेटों में आखिर तक टक्कर दी थी। पोलिनचेंकोवा इससे पहले 2011 में फ्रेंच ओपन और यूएस ओपन के क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुकी थी, मगर इसके बाद उनके अनुसार उनका मन टेनिस से हट गया था जिससे वे रैंकिंग में नीचे चली गईं। अब उनका खेल देखकर लगता है कि उनका मन फिर से टेनिस में लग रहा है और ऐसा होने से मेकनरो की बात सच होने में कोई संदेह नहीं है जिसमें उन्होंने लगभग 6 साल पहले ही पोलिनचेंकोवा को टॉप 10 खिलाड़ी बताया था।
 
ऑस्ट्रेलियन ओपन चैंपियन कर्बर ने हालेप को सीधे सेटों में हराया। इस मैच के साथ कर्बर सेमीफाइनल में बिना एक भी सेट गंवाए पहुंच गई हैं। हालेप के साथ हुए मैच में दोनों खिलाड़ियों को अपनी सर्विस बचाने में खासी दिक्कतें हुईं। मैच में कुल 13 सर्विस ब्रेक हुए। 
 
कर्बर की सबसे बड़ी कमजोरी उनकी सर्विस ही रही है, मगर उन्होंने अपने शॉट्स से इस कमी को दूर करने की काफी हद तक सफलता पाई है। अब सेमीफाइनल में उनका सामना वीनस से होगा, जो कि यहां फिर से वही वीनस की याद दिला रही है जिसने विंबलडन 5 बार जीता था। 
 
कल बर्डीच और वेसेलि के मैच का आखिरी सेट खेला गया। इस मैच को सोमवार को कम रोशनी के चलते रोक दिया गया था और जिसके बाद दोनों खिलाड़ियों ने इसे सोमवार को सेंटर कोर्ट पर करवाने की बात कही थी। मगर आयोजकों ने उनकी यह बात नहीं मानी। मगर इस बात से नाराज बर्डीच ने इसे अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और कल 5वें सेट में वेसेलि के रथ को रोक दिया। बर्डीच के सामने आज एक और खिलाड़ी लुकास है जिसका भी यहां तक पहुंचना किसी सपने से कम नहीं है। हां, बर्डीच को आज भी सेंटर कोर्ट नसीब नहीं हुआ है। उनको कोर्ट नंबर 1 पर क्वेरी और राओनिच के मैच के बाद खेलना है।
 
सेंटर कोर्ट पर पहला मैच फेडरर और चिलिच के बीच होना है। प्रैक्टिस के दौरान जहां फेडरर काफी रिलैक्स दिखे वहीं चिलिच ने खूब पसीना बहाया। फेडरर से खेलने का दबाव भी चिलिच पर हावी दिखा। चिलिच फेडरर को यूएस ओपन के सेमीफाइनल में हरा चुके हैं, मगर उसके बाद से वे अपनी चोटों और फॉर्म दोनों से जूझ रहे हैं। 
 
फेडरर की चोट ने उनको यहां एक उम्मीद जरूर दी है, मगर फेडरर के ही जीतने के आसार ज्यादा लग रहे हैं। हालांकि फेडरर के अनुसार उन्होंने इस साल यहां चिलिच के साथ प्रैक्टिस की थी और वे चिलिच की सर्विस से खासे प्रभावित तथा उनकी सर्विस से खासे वाकिफ हैं और शायद इसके लिए तैयार भी हैं।
 
फेडरर के मैच के बाद सोंगा और मरे का मैच है। सोंगा जहां इस साल यहां का अभी तक का सबसे लंबा मैच खेलकर यहां पहुंचे हैं, वहीं मरे ने अपने मैच काफी आसानी से जीते हैं। दर्शकों का पूरा सपोर्ट भी मरे को ही मिलने वाला है और यह बात मरे को मैच के शुरू होने के पहले ही सोंगा से आगे कर चुकी है।

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