नई दिल्ली। खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने मंगलवार को कहा कि भारत में डोपिंग के मामले ‘काफी परेशान’ करने वाले हैं और देश में स्वच्छ खेल संस्कृति का विकास करने की जरूरत है ताकि विदेश में ऐसे मामलों में पकड़े जाने के बाद हमारी छवि खराब ना हो।
रीजीजू ने कहा कि भारत को एक स्वच्छ खेल राष्ट्र बनने के लिए ऐसे मामलों में शामिल होने वालों को पकड़ना चाहिए तथा अज्ञानता के कारण इसमें फंसने वालों को शिक्षित करने के लिए प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कह रहा हूं कि डोपिंग के सभी मामलों में जानबूझकर प्रतिबंधित पदार्थों को लिया गया है लेकिन कुछ जानबूझकर भी लेते हैं। कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं जो अनजाने में ऐसे ड्रग ले लेते हैं।’
खेल मंत्री ने कहा, ‘इसलिए स्वच्छ खेलों के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। अगर आप सप्लीमेंट लेते हैं तो इसमें सावधानी बरतने की जरूरत है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर जानबूझकर डोपिंग करने के खिलाफ एक आक्रामक अभियान चलाने जी जरूरत है। इसके साथ ही उन लोगों को भी जागरूक बनाने की आवश्यकता है जो अनजाने में ऐसी गलती कर बैठते हैं।’
रीजीजू यहां अभिनेता सुनील शेट्टी को राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) का ब्रांड एंबेसडर बनाए जाने की घोषणा किए जाने के मौके पर बोल रहे थे। उनकी बातों का महत्व तब और बढ़ जाता है जब तोक्यो ओलंपिक में सिर्फ आठ महीने का समय बचा है और इस साल बड़ी संख्या में डोपिंग के मामले सामने आए हैं।
उन्होंने कहा, हम यह नहीं चाहते कि हमारे खिलाड़ी विदेश में खेलते हुए प्रतिबंधित पदार्थ के डेपिंग मामले में पकड़े जाए। इससे देश की छवि को धक्का लगता है और एथलीट खुद और अपने परिवार को बदनाम करता है।’ इस साल 150 से ज्यादा खिलाड़ी डोपिंग मामलों में फंसे हैं जिसमें एक तिहाई से ज्यादा संख्या बॉडीबिल्डरों की है।
उन्होंने कहा, ‘हमें देश में स्वच्छ खेल संस्कृति को बढ़ावा देना होगा। खेल में डोपिंग के मामले बहुत परेशान करने वाले हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है, हम चाहते हैं कि भारत एक खेल शक्ति बने लेकिन हम इस तरह की चीजों (डोपिंग) को नहीं होने दे सकते। स्वच्छ खेल की काफी आवश्यकता है।’ रीजीजू ने कहा कि शेट्टी मानद आधार पर नाडा के ब्रांड एंबेसडर बनने के लिए सहमत हुए हैं।
इस मौके पर शेट्टी ने सफलता के लिए शार्टकार्ट ना अपनाए की सलाह देते हुए खिलाड़ियों से कहा, ‘धीमी और स्थिर सफलता से चरित्र का निर्माण होता है’।
उन्होंने कहा, ‘मैं इस अभियान को स्कूल के स्तर पर ले जाना चाहता हूं। मैं बच्चों को कहना चाहता हूं कि खेल में सफलता के लिए ईमानदारी का रास्ता अपनाना चाहिए। हमें दुनिया को यह दिखाना है कि भारत ईमानदार देश है।’
शेट्टी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि जमीनी स्तर पर हमारे कई कोच बच्चों को सही से दिशानिर्देश देने के लिए प्रशिक्षित नहीं है।’