साओ पाउलो: ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले कोलोनल ट्यूमर के ऑपरेशन के बाद अब गहन चिकित्सा ईकाई ( आईसीयू ) से बाहर आ गए हैं। 80 वर्ष के पेले की हालत स्थिर है और अब वह अलबर्ट आइंस्टीन अस्पताल में अपने कमरे में उपचार करायेंगे। अस्पताल ने एक बयान में यह जानकारी दी।
आईसीयू छोड़ने के बाद पेले ने कहा कि वह 90 मिनट और अतिरिक्त समय में खेलने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि एक पल को भी ऐसा मत सोचना कि मेरे पास आ रहे हजारों संदेश मैने पढ़े नहीं हैं।
हर किसी को शुक्रिया, जिन्होंने मुझे सकारात्मक ऊर्जा देने के लिये अपना वक्त दिया। खूब सारा प्यार। 3 बार के विश्व कप विजेता अकेले पुरुष फुटबॉल खिलाड़ी पेले को ट्यूमर का पता तब चला था, जब वह अगस्त में नियमित जांच के लिये गए थे।
उनका ऑपरेशन चार सितंबर को हुआ और पिछले सप्ताह ही उन्हें आईसीयू से बाहर आना था। 3 विश्व कप जीतने वाले एकमात्र पुरूष खिलाड़ी पेले के कूल्हे का 2012 में प्रत्यारोपण किया गया था, जिसके बाद से उन्हें चलने फिरने में दिक्कत है। वह वॉकर या व्हीलचेयर की सहायता लेते हैं। हाल ही में उन्हें किडनी से जुड़ी समस्यायें भी आई थी।
इससे पहले साल 2019 में पेले को मूत्राशय में संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी गुर्दे में पथरी की सफल सर्जरी के बाद 6 दिन असप्ताल में भर्ती होने के बाद उनको छुट्टी मिली थी।
पेले के लाजवाब टैलेंट ने खेल को दिया नया रूप
फुटबॉल की दुनिया में पेले ने जब कदम रखा तो इस खेल को एक नया ही रूप मिला। इस लाजवाब टैलेंट की दस्तक से ब्राजील की टीम उभरकर सामने आई। 1958 में जब पहली बार ब्राजील चैंपियन बना तो उसमें इस महान सितारे की अहम भूमिका थी। सेमीफाइनल में पेले ने हैट्रिक गोल दागे और उसके बाद फाइनल में 2 गोल दागे। चोट की वजह से वे 1962 वर्ल्ड कप नहीं खेल पाए।
1966 में भी विरोधी टीमों ने उन पर जबर्दस्त हमले किए और उन्हें घायल कर दिया। उसके बावजूद 1970 में ब्राजील एक बार फिर चैंपियन बना। 1969 में पेले ने 1000वां गोल किया, जब वे अपना 909वां प्रथम श्रेणी मैच खेल रहे थे। पेले के नेतृत्व में ब्राजील ने फुटबॉल में कई उल्लेखनीय सफताएं प्राप्त कीं। उन्होंने अपने जीवन में 1363 मैच खेले और 1281 गोल किए। 'काले हीरे' के नाम से विख्यात पेले विश्व के सबसे चहेते खिलाड़ी माने जाते हैं।