नई दिल्ली। गोल्ड कोस्ट में 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के युवा खिलाड़ियों ने 2020 के टोक्यो ओलंपिक के लिए अभी से उम्मीदें बंधा दी हैं। भारत ने दो साल पहले 2016 के रियो ओलंपिक में बेहद निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए मात्र दो पदक जीते थे जिनमें बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू का रजत और महिला पहलवान साक्षी मलिक का कांस्य पदक शामिल था।
इन दो पदकों को छोड़कर अन्य खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने खासा निराश किया था। रियो के प्रदर्शन के बाद गोल्ड कोस्ट में 26 स्वर्ण सहित कुल 66 पदकों का प्रदर्शन सराहनीय कहा जा सकता है। यह प्रदर्शन इसलिए भी उल्लेखनीय है क्योंकि इसमें 15 साल के निशानेबाज अनीश भनवाला से लेकर 23 साल की पहलवान विनेश फोगाट ने स्वर्ण पदक जीते हैं।
इन खेलों में जहां लीजेंड खिलाड़ी एमसी मैरीकॉम और पहलवान सुशील कुमार ने अपनी छाप छोड़ी तो वहीं युवा खिलाड़ियों ने भी तिरंगा बुलंद रखने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। 15 साल के अनीश और 16 साल की निशानेबाज मनु भाकर ने स्वर्णिम प्रदर्शन से खुद को भविष्य के स्टार के रूप में स्थापित किया। निशानेबाजी में 17 साल की मेहुली घोष ने भी रजत पदक जीता।
20 साल के भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा अपने रिकार्ड स्वर्णिम प्रदर्शन से भविष्य की उम्मीदों के दावेदार बन गए हैं। 23 साल की नवजीत ढिल्लों ने डिस्कस थ्रो में कांस्य पदक हासिल किया। मुक्केबाजी में कई युवा मुक्केबाज सामने आए। 19 साल के नमन तंवर ने कांस्य , 21 साल के गौरव सोलंकी ने स्वर्ण और 22 साल के अमित तथा मनीष कौशिक ने रजत पदक जीते।
22 साल की मणिका बत्रा टेबल टेनिस में भारत की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बन गई हैं। मणिका ने दो स्वर्ण सहित कुल चार पदक जीतकर टेबल टेनिस में भारत को ऐतिहासिक सफलता दिलाई। बैडमिंटन में 22 साल की उम्र में ही लीजेंड बन चुकी पीवी सिंधू को हालांकि इस बार रजत से संतोष करना पड़ा।
भारोत्तोलकों में 21 साल के वेंकट राहुल रगाला, 22 साल की पूनम यादव और 23 वर्षीय मीराबाई चानू ने स्वर्ण पदक जीते जबकि कुश्ती में 23 साल की विनेश फोगाट ने स्वर्ण और 19 वर्षीय दिव्या काकरान ने कांस्य पदक जीता। युवा खिलाड़ियों को अपने इस प्रदर्शन को अगस्त में होने वाले एशियाई खेलों में परवान चढ़ाना होगा जिसके बाद उनके लिए सबसे बड़ी परीक्षा टोक्यो ओलंपिक का क्वालिफिकेशन होगा। (वार्ता)