गोल्ड कोस्ट। भारत गोल्ड कोस्ट में बुधवार से शुरू होने वाले 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में ग्लास्गो की पदक संख्या को पीछे छोड़कर नया इतिहास बनाने के इरादे से उतरेगा। भारत के लिए यह राष्ट्रमंडल खेल खासे महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि दो साल पहले रियो ओलंपिक में भारत के 118 सदस्यीय दल ने बेहद निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए मात्र दो पदक जीते थे।
उल्लेखनीय है कि भारत ने 2010 में अपनी मेजबानी में दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में जब 101 पदक जीते थे तो उसके दो वर्ष बाद लंदन ओलंपिक में उसके पदकों की संख्या छह पहुंच गई थी। 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की पदक संख्या में गिरावट आई और वह कुल 65 पदक ही जीत पाया जिसके दो वर्ष बाद रियो में उसके ओलंपिक पदक मात्र दो रह गए।
भारत को 2020 के टोक्यो ओलंपिक में यदि बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करनी है तो उसे गोल्ड कोस्ट में शानदार प्रदर्शन करना होगा। भारत के लिए यह खेल एक अन्य लिहाज से भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वह यहां राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में 500 पदक का आंकड़ा छू सकता है।
भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों में अब तक 16 बार हिस्सा लिया है और अभी तक 155 स्वर्ण, 155 रजत तथा 128 कांस्य पदक सहित 438 पदक जीते हैं। भारत को 500 का आंकड़ा छूने के लिए 62 पदकों की जरूरत है। राष्ट्रमंडल खेलों में अब तक चार देश ही 500 का आंकड़ा पूरा कर पाए हैं।
मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने 852 स्वर्ण सहित 2218 पदक, इंगलैंड ने 669 स्वर्ण सहित 2008 पदक, कनाडा ने 469 स्वर्ण सहित 1473 पदक जीते हैं। भारत का दिल्ली में अपनी मेजबानी में 2010 में ऐतिहासिक प्रदर्शन रहा और उसने 38 स्वर्ण, 27 रजत और 36 कांस्य पदक सहित रिकॉर्ड 101 पदक जीते।
वर्ष 2014 ग्लासगो में 20वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को 15 स्वर्ण, 30 रजत और 19 कांस्य सहित 64 पदक मिले। भारत के पास अब गोल्ड कोस्ट में नया इतिहास बनाने का मौका है। (वार्ता)