चेंगदू (चीन)। भारतीय ग्रैंडमास्टर हरिका द्रोणावल्ली ने फिडे महिला ग्रांप्री शतरंज टूर्नामेंट के 11वें और आखिरी राउंड में रूस की ओल्गा गिरया से गुरुवार को बाजी ड्रॉ खेलकर अपना पहला ग्रांप्री खिताब जीत लिया।
हरिका ने सफेद मोहरों से खेलते हुए अपना तमाम अनुभव झोंककर बाजी ड्रॉ कराई और अपने करियर का पहला ग्रांप्री खिताब जीत लिया। विश्व की शीर्ष 12 खिलाड़ियों के बीच राउंड रॉबिन आधार पर खेले गये इस टूर्नामेंट में हरिका के सात अंक रहे।
भारत की एक अन्य ग्रैंडमास्टर कोनेरु हम्पी ने अपने आखिरी बाजी जीती और उनके भी सात अंक रहे। लेकिन हरिका को टूर्नामेंट में बेहतर टाईब्रेक रिकॉर्ड के आधार पर विजेता घोषित किया गया। हरिका ने खिताब जीतने के बाद कहा कि मैं जीतने की स्थिति में थी लेकिन मैंने दबाव महसूस किया और मैं अपना सर्वश्रेष्ठ खेल नहीं दिखा सकी।
मुझे अपना पहला ग्रांप्री खिताब जीतने की बेहद खुशी है। हरिका और ओल्गा के बीच मुकाबला 62 चालों के बाद ड्रा समाप्त हुआ। इस जीत से हरिका की अंकों की संख्या में इजाफा हुआ है और उनके इस वर्ष बाद में होने वाली विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने की संभावना बढ़ गई है।
25 वर्षीय हरिका अपनी जीत के बाद बजी राष्ट्र धुन को सुनकर बेहद भावुक हो गईं। भारतीय खिलाड़ी ने पहले दो गेम जीते लेकिन फिर चार गेम ड्रॉ खेले और दूसरे स्थान पर खिसक गई। उन्होंने सातवीं बाजी में हम्पी को हराया और अगली चार बाजियां ड्रॉ खेलकर खिताब अपने नाम कर लिया। (वार्ता)