Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

इंडियन ओपन में रहेंगी 'इंडियन' पर निगाहें

हमें फॉलो करें इंडियन ओपन में रहेंगी 'इंडियन' पर निगाहें
, बुधवार, 8 मार्च 2017 (17:49 IST)
गुडगांव। गत चैंपियन एसएसपी चौरसिया, देश के शीर्ष गोल्फर अनिर्बाण लाहिड़ी, 3 बार के चैंपियन ज्योति रंधावा और देश के उभरते गोल्फर गुरुवार से यहां डीएलएफ गोल्फ एंड कंट्री क्लब में शुरू होने वाले 17.50 लाख डॉलर की पुरस्कार राशि वाले हीरो इंडियन गोल्फ टूर्नामेंट में दमदार चुनौती पेश करेंगे।
'भारत के मेजर' कहे जाने वाले इंडियन ओपन में इस बार 12 पूर्व चैंपियनों की शानदार दावेदारी रहेगी। इन पूर्व चैंपियनों ने 16 बार इस खिताब को अपने नाम किया है और इंडियन ओपन के 53 वर्षों के इतिहास में पूर्व चैंपियनों के एकसाथ इस टूर्नामेंट में उतरने की यहां सर्वाधिक संख्या है।
 
पूर्व 5 चैंपियनों में गत चैंपियन भारत के एसएसपी चौरसिया समेत पिछली 5 बार के चैंपियन उतरेंगे। इनमें से चौरसिया (2016), अनिर्बाण लाहिड़ी (2015), सिद्दीकुर रहमान (2013), थावोर्न विराटचांट (2012) तथा डेविड ग्लीशन (2011) शामिल हैं। रिकॉर्ड कार्लबर्ग (2010) को छोड़कर वर्ष 2004 से अब तक के सभी चैंपियन इसमें हिस्सा ले रहे हैं।
 
चौरसिया यदि इस बार अपना खिताब बचा जाते हैं तो वे हमवतन ज्योति रंधावा के बाद इंडियन ओपन का खिताब बचाने वाले दूसरे गोल्फर बन जाएंगे। रंधावा ने 2006 और 2007 में दिल्ली गोल्फ क्लब में लगातार खिताब जीतकर इस टूर्नामेंट में अपनी खिताबी हैट्रिक पूरी की थी।
 
38 वर्षीय चौरसिया एशियन टूर में 5 बार के विजेता हैं और उन्होंने पिछले साल यह खिताब दिल्ली गोल्फ क्लब में जीता था लेकिन इतिहास दोहराने के लिए इस सप्ताह उन्हें गुडगांव के डीएलएफ गोल्फ एंड कंट्री क्लब में यह कारनामा करना होगा।
 
चौरसिया ने कहा कि डीएलएफ दिल्ली गोल्फ क्लब के मुकाबले बिलकुल अलग है। यहां कुछ होल के क्षेत्र मुश्किल हैं लेकिन यह सभी के लिए एक समान होगा। मैं अपना शत-प्रतिशत प्रदर्शन देने की कोशिश करूंगा। मैं यहां 4 बार उपविजेता रहा था लेकिन पिछले साल मैंने उन तमाम निराशाओं को पीछे छोड़ते हुए खिताब जीत लिया। मैं उम्मीद करता हूं कि इस बार भी खिताब मेरे नाम ही रहेगा।
 
देश के नंबर 1 गोल्फर और यहां 2015 में चैंपियन रह चुके लाहिड़ी ने कहा कि डीएलएफ गोल्फ कल्ब दिल्ली गोल्फ क्लब से काफी अलग है। दिल्ली में भारतीयों का दबदबा रहता था लेकिन यहां मुकाबला काफी खुला रहेगा। यह नया गोल्फ कोर्स है और यह पहले के मुकाबले अलग होगा। लाहिड़ी ने 2015 का खिताब अपने नाम किया था। वर्ष 2013 में लाहिड़ी और चौरसिया दोनों संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर रहे थे।
 
यहां 3 बार चैंपियन रह चुके ज्योति रंधावा रिकॉर्ड चौथी बार यह खिताब जीतना चाहते हैं। ज्योति रंधावा और ऑस्ट्रेलिया के पीटर थॉम्पसन 2 ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने 3-3 बार यह खिताब जीता है। रंधावा ने वर्ष 2000, 2006 और 2007 में यह खिताब जीता था। उन्होंने 2000 में गुडगांव के क्लासिक गोल्फ रिसार्ट में और 2006-07 में दिल्ली गोल्फ क्लब में यह खिताब जीता था।
 
44 वर्षीय रंधावा ने कहा कि मैं इस समय अपनी सर्वश्रेष्ठ गोल्फ खेल रहा हूं। मुझे गोल्फ खेलते हुए 2 दशक से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन जितना बेहतर मैं खुद को इस समय महसूस कर रहा हूं, उतना मैंने पहले कभी नहीं किया।
 
भारतीय गोल्फरों को राइडर कप स्टार स्पेन के राफा केबरेरा बेलो, एशियन टूर के नंबर 1 ऑस्ट्रेलिया के स्कॉट हैंड और थाईलैंड के किराडेक अफीबार्नराट तथा फचारा खोंगवातमई से कड़ी चुनौती मिलेगी। बेलो विश्व के 26वें नंबर के खिलाड़ी है और टूर्नामेंट में उतरने जा रहे खिलाड़ियों में उनकी रैंकिंग सर्वाधिक है। बेलो यूरोपिन टूर में 2 बार विजेता रह चुके हैं लेकिन उन्हें 2012 से अपने पहले खिताब की तलाश है।
 
अमेरिका में रहने वाले भारतीय गोल्फर अर्जुन अटवाल की चुनौती को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। अटवाल ने अपना पहला एशियन टूर खिताब 1999 में नेशनल ओपन के तौर पर जीता था। इसके बाद उन्होंने 8 टूर्नामेंट एशियन टूर में जीते और 1 अमेरिका में भी जीता।
 
43 साल के अटवाल का मानना है कि वे अभी शीर्ष स्तर पर खेलने में सक्षम हैं तथा मैं डीएलएफ के पुराने कोर्स पर खेल चुका हूं लेकिन अब यह बदल गया है। अब यहां खेलना चुनौतीपूर्ण होगा। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

लीमैन ने कोहली के आरोपों को खारिज किया