लंदन। खिताब की दौड़ से बाहर होने से आहत भारत हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल में शनिवार को यहां 5वें से 8वें स्थान के क्लासिफिकेशन मैच में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ फिर से जीत दर्ज करके कुछ सम्मानजनक स्थिति हासिल करना चाहेगा।
विश्व में 6ठी रैंकिंग की भारतीय टीम गुरुवार को क्वार्टर फाइनल में 14वीं रैंकिंग की मलेशियाई टीम से 2-3 से हार गई जिससे वह खिताब की दौड़ से भी बाहर हो गई। मलेशिया के खिलाफ भारत की यह पिछले 2 महीनों में दूसरी हार है। भारतीय टीम के लिए यह हार काफी आहत करने वाली है, क्योंकि अभी वह विश्व हॉकी के एलीट लीग में अपना स्थान बरकरार रखने के लिए कड़े प्रयास कर रही है।
इस हार से हालांकि भारत की हॉकी विश्व लीग फाइनल और अगले विश्व कप में भागीदारी पर अंतर नहीं पड़ेगा, क्योंकि मेजबान होने के कारण उसका इन दोनों प्रतियोगिताओं में स्थान पक्का है। ये दोनों प्रतियोगिताएं भारतीय शहर भुवनेश्वर में होंगी।
भारत का प्रदर्शन इस टूर्नामेंट में एक जैसा नहीं रहा और उसे हार से सबक लेकर अपनी गलतियों में सुधार करना होगा। पाकिस्तान के खिलाफ भले ही भारत का पलड़ा भारी है और उसने लीग चरण में अपने इस चिर प्रतिद्वंद्वी को 7-1 से करारी शिकस्त दी लेकिन इन दोनों टीमों के बीच मुकाबले के बारे में कुछ भी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है।
पूल मैच की तरह शनिवार को भी भावनाएं हावी रहेंगी और पाकिस्तान बदला लेने के लिए आतुर होगा। भारतीय टीम के लिए मलेशिया से मिली हार से उबरना आसान नहीं है और ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि वह कितनी जल्दी खुद को संगठित करती है।
ऐसी परिस्थिति में अब हार मिलना भारतीय हॉकी के लिए अच्छा नहीं होगा, जो कि पिछले कुछ समय से लगातार आगे बढ़ती रही है। इससे टीम और मुख्य कोच रोलैंट ओल्टमेन्स पर भी सवाल उठने लग जाएंगे। (भाषा)