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भारत 15 साल बाद बना जूनियर विश्व हॉकी चैंपियन

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, रविवार, 18 दिसंबर 2016 (19:37 IST)
लखनऊ। भारत के युवा तुर्कों ने गजब का प्रदर्शन करते हु बेल्जियम को रविवार को 2-1 से पराजित कर 15 साल के लंबे अंतराल के बाद पुरुष जूनियर विश्व कप हॉकी चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया। भारत ने एकमात्र बार 2001 में अर्जेंटीना का हराकर जूनियर विश्व कप जीता था। उसके 15 साल बाद भारतीय युवा टीम ने अपनी मेजबानी में विश्व कप जीतकर एक नया इतिहास बना दिया। भारत को विजेता बनाने में गुरजंत सिंह और सिमरनजीत सिंह का बहुमूल्य योगदान रहा।
           
गुरजंत ने आठवें मिनट में और सिमरनजीत ने 22 वें मिनट में मैदानी गोल कर भारत को 2-0 की बढ़त दिलाई। भारत ने अपनी इस बढ़त को आखिरी मिनट तक बरकरार रखा लेकिन 70 वें मिनट में फैब्रिस वान बॉकरिक ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल कर अपनी टीम की हार का अंतर ही कम किया। 
           
भारत की ओर से गुर्जन सिंह ने पहला गोल दागा
मैच समाप्त होने का जैसे ही हूटर बजा, सभी भारतीय खिलाड़ियों और कोच हरेन्द्र सिंह ने एक दूसरे को बधाई दे दी और पूरा स्टेडियम इस ऐतिहासिक जीत के जश्न से झूम उठा। भारतीय हॉकी को इस ऐतिहासिक लम्हे का लंबे समय से इंतजार था। भारत और बेल्जियम के बीच मुकाबला काफी संघर्षपूर्ण रहा। खिताबी मुकाबले से पहले दोनों ही टीमों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था। भारत ने अपने पूल डी में और बेल्जियम ने पूल बी में सभी तीनों मैच जीते थे। 
           
भारत ने क्वार्टर फाइनल में स्पेन को 2-1 से और बेल्जियम ने अर्जेंटीना को शूटआउट में 4-1 से हराया था। सेमीफाइननल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को शूटआउट में 4-2 से और बेल्जियम ने गत चैंपियन जर्मनी को शूटआउट में 4-3 से पराजित किया था।            
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सिमरनजीत सिंह ने भारत की बढ़त को 2-0 पर पहुंचाया 
बेल्जियम का यह पहला फाइनल था जबकि भारत तीसरी बार फाइनल खेल रहा था। भारत 1997 में उपविजेता और 2001 में विजेता रहा था। बेल्जियम ने जिस तरह गत दो बार के चैंपियन जर्मनी को लुढ़काया था, उसे देखते हुए खिताबी मुकाबले में मेजबान भारत को कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन युवा भारतीय तुर्कों ने पहले हाफ में दो गोल ठोंककर बेल्जियम का हौसला कुछ हद तक पस्त कर दिया था। 
 
हालांकि बेल्जियम ने वापसी करने की भरपूर कोशिश की लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने दर्शकों के अपार समर्थन के दम पर खिताब अपने नाम किया।मैच की शुरुआत तेज तर्रार रही और दोनों टीमों ने एक दूसरे की ताकत को तौला। गुरजंत ने आठवें मिनट में भारत का पहला गोल दाग दिया। पहला गोल होते ही भारतीय खिलाड़ियों के हौसले बुलंद हो गए और उन्होंने लगातार हमलों से विपक्षी टीम पर दबाव बना दिया। 
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दूसरा गोल दागते हुए सिमरनजीत सिंह
22वें मिनट में सिमरनजीत ने एक हमले का फायदा उठाते हुए भारत का दूसरा गोल दाग दिया। दो गोल की बढ़त ने भारत को मजबूत स्थिति में ला दिया। भारतीय रक्षापंक्ति ने इस बढ़त का अंत तक बचाव किया। हालांकि बेल्जियम ने आखिरी मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर गोल किया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। भारत ने 2-1 की जीत के साथ दूसरी बार विश्व कप खिताब अपने नाम कर लिया। 
             
इससे पहले जर्मनी ने सेमीफाइनल में हारने की निराशा को पीछे छोड़ते हुए ऑस्ट्रेलिया को 3-0 से हराकर तीसरा स्थान हासिल किया। जर्मनी के लिए जॉन शिफर ने 11 वें मिनट में और टिम हर्जब्रुक ने दूसरे हाफ में 51 वें तथा 60 वें मिनट में गोल किए। अर्जेंटीना ने पांचवें और छठे स्थान के मुकाबले में स्पेन को 2-1 से पराजित कर पांचवां स्थान हासिल किया। स्पेन छठे स्थान पर रहा। हालैंड ने इंग्लैंड को 6-2 से पीटकर सातवां स्थान हासिल किया। इंग्लैंड को आठवां स्थान मिला। 
 
मैदान पर ही रो पड़े बेल्जियम के खिलाड़ी : बेल्जियम के खिलाड़ी इस हार से इतने दु:खी थे कि मैदान पर ही वे रो पड़े। दूसरी तरफ भारतीय खिलाड़ियों ने चैम्पियन बनने के बाद मैदान पर ही भांगड़ा करके जीत का जश्न मनाया। यही नहीं, खिलाड़ियों ने समर्थन देने के लिए दर्शकों का शुक्रिया भी अदा किया। तिरंगे ध्वज के साथ भारतीय खिलाड़ियों की खुशी थमने का नाम ही नहीं ले रही थी। 
 
जीत के बाद सिमरनजीत और कप्तान की प्रतिक्रिया : सिमरनजीत सिंह ने कहा कि सारी दुनिया को पता चल गया है कि भारतीय हॉकी की ताकत क्या है। उन्होंने कहा कि आज का दिन भारतीय हॉकी के लिए सुनहरा दिन है। मुझे इतनी खुशी है कि मैं उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता। भारतीय कप्तान हरजीत सिंह ने कहा कि हम बहुत सालों से तैयारी कर रहे थे। मैं सबसे पहले  लखनऊ के दर्शकों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिन्होंने इतनी बड़ी संख्या में आकर हमारी हौसलाअफजाई की। 
 
गुरजंत सिंह बने मैन ऑफ द मैच : भारत के स्टार खिलाड़ी गुरजंत सिंह को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला और उन्हें 50 हजार रुपए का चैक दिया गया। टिम हैरेसबुच को टूर्नामेट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित करते हुए 1 लाख रुपए का चैक दिया गया।

हर खिलाड़ी को मिलेंगे तीन-तीन लाख : केन्द्रीय खेलमंत्री विजय गोयल ने 15 साल के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर जूनियर विश्वकप हॉकी चैंपियनशिप का खिताब जीतने पर भारतीय टीम को बधाई देते हुए इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने हर खिलाड़ी को तीन-तीन लाख रुपए की पुरस्कार राशि देने की घोषणा की। (वेबदुनिया/वार्ता)

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