कुआंटन। अपने पहले मुकाबले में जापान को 10-2 के बड़े अंतर से चित करने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ रविवार को महामुकाबले के लिए उतरेगी और उसका लक्ष्य पड़ोसियों को धूल चटाना होगा।
भारत ने जहां टूर्नामेंट में अपने अभियान की शुरुआत जापान को 10-2 के एकतरफा अंतर से हराकर की थी वहीं गत चैंपियन पाकिस्तान को अपने आगाज मुकाबले में मेजबान मलेशिया के हाथों 2-4 की हार का सामना करना पड़ा था।
रिकॉर्डों पर नजर डालें तो भारत चैंपियंस ट्रॉफी के उद्घाटन सत्र 2011 में विजेता बना था और यह खिताब उसने पाकिस्तान को ही हराकर जीता था जबकि पाकिस्तान ने वर्ष 2012 में भारत को हराकर खिताब अपने नाम किया। पाकिस्तान ने 2013 में भी खिताब पर अपनी मुहर लगाई और फाइनल में जापान को शिकस्त दी। अगले 2 वर्षों तक इस टूर्नामेंट का आयोजन नहीं हो सका।
अनुभवी भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश की अगुवाई में भारतीय टीम ने जापान के खिलाफ जिस प्रकार का प्रदर्शन किया है और पेनल्टी कॉर्नर पर अपनी दक्षता दिखाई है उससे यह तो साफ है कि वह पाकिस्तान को कोई मौका नहीं देना चाहेगी।
जापान के खिलाफ अकेले 6 गोल करने वाले रूपिंदर पाल सिंह से इस मुकाबले में अपने प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद होगी और यदि वे ऐसा करने में सफल रहते हैं तो निश्चित ही भारत दूसरी जीत हासिल कर लेगा। (वार्ता)