अहमदाबाद। कबड्डी की महाशक्ति और गत दो बार के चैंपियन भारत ने थाईलैंड को बच्चों की तरह खेलाते हुए शुक्रवार को सेमीफाइनल मुकाबला एकतरफा अंदाज में 73-20 से जीतकर कबड्डी विश्वकप के फाइनल में प्रवेश कर लिया जहां उसका मुकाबला ईरान के साथ होगा।
भारत पिछले दो विश्वकप (2004 और 2007) के फाइनल में भी ईरान से ही खेला था और दोनों बार उसने ईरान को पस्त किया था। भारत को कबड्डी विश्वकप की खिताबी हैट्रिक पूरी करने के लिए ईरान की चुनौती से पार पाना होगा जिसमें पहले सेमीफाइनल में प्रबल दावेदार कोरिया को रोमांचक संघर्ष 28-22 से हराया।
मेजबान भारत ने थाईलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल इस तरह खेला मानो कि यह बच्चों का खेल हो। भारत ने थाईलैंड को खेल के हर विभाग में बुरी तरह पछाड़ा। हालत यह थी कि पहले हाफ में भारत के पास 36-8 की बढ़त थी और इस दौरान भारत ने प्रतिद्वंद्वी टीम को तीन बार ऑल आउट कर दिया था।
दूसरे हाफ में भी यही सिलसिला कायम रहा और भारत ने थाई टीम को तीन बार और ऑल आउट किया। इस तरह भारत ने मैच में कुछ छह ऑल आउट हासिल किए। भारत की जीत में प्रदीप नरवाल ने कमाल की रेड लगाते हुए कुल 14 अंक बटोरे जबकि अजय ठाकुर ने 10 रेड अंक सहित कुल 11 अंक जुटाए। नितिन तोमर ने सात, कप्तान अनूप कुमार ने पांच, सुरेंद्र नाडा ने पांच, मंजीत छिल्लर ने चार और सुरजीत ने तीन अंक जुटाए।
भारत ने यह मुकाबला जीतने के बाद कोर्ट पर सभी दर्शकों का अभिवादन किया जिन्होंने कबड्डी में एकबार फिर भारत की श्रेष्ठता को देखा। भारत ने रेड से 42 और डिफेंस से 18 अंक जुटाए। भारत को ऑल आउट से कुल 12 अंक मिले।
थाईलैंड के लिए राहत की बात यही रही कि उसने कुछ मौकों पर अच्छा डिफेंस दिखाते हुए भारतीय खिलाड़ियों को रोका। चैनवित वीचियान ने सर्वाधिक छह अंक और कप्तान खोमसान थोंगखाम ने तीन अंक जुटाए। थाईलैंड को रेड से 15 अंक हासिल हुए। थाईलैंड ने दूसरे हाफ में कुछ बेहतर खेल दिखाते हुए कुल 12 अंक लेते हुए अपने स्कोर को 20 तक पहुंचाया। (वार्ता)