नई दिल्ली::मानसी जोशी और नित्या स्रे ने स्वर्ण पदक जबकि टोक्यो पैरालंपिक चैम्पियन प्रमोद भगत ने दो रजत और एक कांस्य पदक अपने नाम किया जिससे भारत ने स्पेन के कार्टाजेना में स्पेनिश पैरा बैडमिंटन अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में 21 पदक हासिल किये।
दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी मानसी (एसएल3) और स्रे (एसएच6) छह स्वर्ण पदक विजेताओं में शामिल रहीं जबकि भारत ने रविवार को समाप्त हुए लेवल एक टूर्नामेंट में सात रजत और आठ कांस्य पदक भी जीते।
राजा/कृष्णा (पुरूष युगल एसएच6), राज/पारूल (मिश्रित युगल एसएल3-एसयू5), चिराग/राज (पुरूष युगल एसयू5) और नितेश/तरूण (पुरूष युगल एसएल3-एसएल4) ने भी पीले तमगे जीते।
दुनिया के नंबर एक भगत (एसएल3) ने दो रजत और एक कांस्य जीता। वहीं दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी सुकांत कदम (एसएल4) ने कांस्य पदक प्राप्त किया।
तरूण ढिल्लों (पुरूष एकल एसएल4), कृष्णा नागर (पुरूष एकल एसएच6), मंदीप कौर (महिला एकल एसएल3), मानसी/रूतिक (मिश्रित युगल एसएल3-एसयू5), हार्दिक/रूतिक (पुरूष युगल एसयू5) और मनोज/भगत (पुरूष युगल एसएल3-एसएल4) ने भी रजत पदक जीते।
नितेश कुमार (पुरूष एकल एसएल3), मनोज (पुरूष एकल एसएल3), नीलेश गायकवाड़ (पुरूष एकल एसएल4), पारूल परमार (महिला एकल एसएल3), भगत/कोहली (मिश्रित युगल एसएल3-एसयू5), अरवाज/दीप (पुरूष युगल एसएल3-एसएल4) और प्रेम अले/अबु हुबैदा (पुरूष युगल डब्ल्यूएच1-डब्ल्यूएच2) ने कांस्य पदक प्राप्त किये।
कदम को सेमीफाइनल में दुनिया के नंबर एक फ्रांसिसी खिलाड़ी लुकास मजूर से 21-19 19-21 12-21 से हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
मजूर ने फिर फाइनल में भारत के तरूण को 21-7 21-9 से हराकर स्वर्ण पदक जीता।भारत ने हाल में स्पेनिश पैरा बैडमिंटन अंतरराष्ट्रीय (लेवल दो) प्रतियोगिता में 11 स्वर्ण, सात रजत और 16 कांस्य से कुल 34 पदक जीते थे।
टोक्यो पैरालंपिक में जीते थे सर्वाधिक 4 मेडल
भारत ने टोक्यो पैरालंपिक 2020 में 19 पदक अपने नाम किए थे, जो कि एक एक सत्र में सबसे अधिक थे और यह संख्या पिछले सत्रों में संयुक्त रूप से जीते गए सभी पदकों से भी अधिक थी। भारतीय दल ने 5 स्वर्ण, 8 रजत और 6 कांस्य पदक अपने नाम किए थे।
भारतीय खिलाड़ियों ने एथलेटिक्स में सबसे ज्यादा आठ, निशानेबाजी में 5, बैडमिंटन में 4, टेबल टेनिस और तीरंदाजी में एक-एक पदक जीता था। पैरालंपिक खेलों के इतिहास में पहली बार भारत के पदकों की संख्या दोहरे अंकों में पहुंची थी।गौरतलब है कि बैडमिंटन पहली बार टोक्यो पैरालंपिक में शामिल हुआ था और भारत ने सबसे ज्यादा 4 मेडल अपने नाम किए थे।