SAFF Championship Final में भारत की जीत के बाद मैतेई ध्वज ओढ़े नज़र आये जैकसन सिंह ने अपने कृत्य पर सफाई देते हुए कहा कि वह सिर्फ मणिपुर में घट रही घटनाओं की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहते थे।
भारत ने मंगलवार रात खेले गये फाइनल में कुवैत को शूटआउट में 5-4 से मात दी। जीत के बाद भारतीय फुटबॉलर जैकसन ने मणिपुर के सजातीय समूह मैतेई का सात रंगों वाला ध्वज ओढ़कर पदक स्वीकार किया, जिसने सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान आकर्षित कर लिया।
जैकसन ने स्पष्टिकरण देते हुए ट्वीट किया, “ प्रिय प्रशंसकों, इस ध्वज में जश्न मनाकर मैं किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहता था। मैं उन समस्याओं की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहता था जिनसे मेरा राज्य मणिपुर इस समय जूझ रहा है। ”
उन्होंने कहा, “ आज की यह जीत सभी भारतीयों को समर्पित है। मैं उम्मीद करता हूं कि मेरे गृह राज्य मणिपुर में शांति लौट आये। आज स्टेडियम आकर टीम का समर्थन करने के लिये सभी प्रशंसकों का शुक्रिया। ”
इससे पूर्व, जैकसन ने मैच समाप्त होने के बाद मीडिया से कहा था, “ यह मेरे मणिपुर का ध्वज है। मैं सिर्फ अपने राज्य में घट रही घटनाओं की ओर लोगों का ध्यान लाना चाहता हूं। मैं भारत और मणिपुर में लोगों को बताना चाहता हूं कि वे लड़ें नहीं और शांति के साथ रहें। ”
ईएसपीएन के अनुसार, उन्होंने कहा था, “ मैं शांति चाहता हूं। दो महीने हो चुके हैं और लड़ाई अब भी जारी है। मैं इस तरह की घटनाएं और नहीं चाहता। मैं सिर्फ सरकार और अन्य लोगों का ध्यान शांति की ओर लाना चाहता हूं। मेरा परिवार सुरक्षित है लेकिन कई सारे परिवार हैं, जिन्हें परेशानी सहनी पड़ी है और जिन्होंने अपना घर तक खो दिया है। ”
उल्लेखनीय है कि मणिपुर मई 2023 से हिंसा के कारण झुलस रहा है। यह हिंसा प्रमुख रूप से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हो रही है।(एजेंसी)