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जकार्ता एशियाई खेलों में विनेश फोगाट ने रचा स्वर्णिम इतिहास, भारत को दिलाया दूसरा स्वर्ण

हमें फॉलो करें जकार्ता एशियाई खेलों में विनेश फोगाट ने रचा स्वर्णिम इतिहास, भारत को दिलाया दूसरा स्वर्ण
, सोमवार, 20 अगस्त 2018 (18:29 IST)
जकार्ता। राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता महिला पहलवान विनेश फोगाट ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 18वें एशियाई खेलों की कुश्ती प्रतियोगिता के 50 किग्रा वर्ग में सोमवार को स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास रच दिया।
 
 
विनेश ने इस तरह भारत को इन खेलों में दूसरा स्वर्ण और कुश्ती का भी दूसरा स्वर्ण दिलाया। विनेश इसके साथ ही एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गईं। बजरंग पूनिया ने रविवार को इन खेलों में देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाया था। विनेश ने 50 किग्रा के फाइनल में जापान की इरी यूकी को 6-2 से पराजित किया।
 
विनेश ने फाइनल में जापानी पहलवान के खिलाफ आक्रमण और रक्षण का बेहतरीन नमूना पेश किया। उन्होंने पहले ही राउंड में 4-0 की बढ़त बना ली। उन्होंने यूकी को अपने पैरों से पूरी तरह दूर रखा ताकि वे कोई दांव न लगा सके।
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दूसरे राउंड में विनेश को हालांकि चेतावनी के बाद 1अंक गंवाना पड़ा लेकिन उन्होंने अपना दबदबा बनाए रखते हुए अंतिम सेकंडों में 2 अंक लेकर 6-2 पर मुकाबला समाप्त कर दिया। विनेश ने स्वर्ण जीतते ही अपनी खुशी का इजहार किया और भारतीय खेमा भी खुशी से उछल पड़ा।
 
उन्होंने ओपनिंग राउंड में चीन की सुन यनान को 8-2 से पराजित करते हुए क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। उन्होंने इसके बाद कोरिया की किम हिंगजू को 11-0 से तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
 
अपने क्वार्टर फाइनल मैच में रोहतक की पहलवान ने कमाल का प्रदर्शन किया और पहले राउंड में 6 अंक तथा दूसरे राउंड में 5 अंक जुटाए। उन्होंने 4 मिनट 37 सेकंड में ही मैच समाप्त कर दिया। इससे पहले चीन की यनान के खिलाफ विनेश का मैच काफी रोमांचक और यादगार रहा।
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रियो ओलंपिक खेलों में 48 किग्रा भार वर्ग में उतरीं विनेश को यूनान के खिलाफ ही क्वार्टर फाइनल मैच में घुटने में चोट लगी थी जिसके बाद उन्हें उल्टी हो गई थी। विनेश को उस बाउट में सीधे घुटने में गंभीर चोट आई थी जिसके कारण वे जनवरी 2017 तक फिर नहीं खेल पाई थीं।
 
मंगलवार को 24 साल की होने जा रही विनेश ने 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण जीता था जबकि गोल्ड कोस्ट में 50 किग्रा में भी उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया था। उन्होंने 2014 के इंचियोन एशियाई खेलों में 48 किग्रा में कांस्य दिलाया था जबकि आखिरी 6 एशियन चैंपियनशिप में वह देश को 3 रजत और 3 कांस्य दिला चुकी हैं।
 
विनेश ने सेमीफाइनल में उज्बेकिस्तान की दोलेतबाइक यक्शीमुरातोवा को एकतरफा अंदाज में 10-0 से पीट दिया। भारतीय पहलवान ने पहले ही राउंड में लगातार 10 अंक लेते हुए मात्र एक मिनट 15 सेकंड में मुकाबले को निपटाते हुए स्वर्ण पदक दौर में जगह बनाने के बाद इतिहास रच दिया।
 
इस बीच साक्षी को 62 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में किर्गिस्तान की एसुलू तिनिबेकोवा से नजदीकी मुकाबले में 7-9 से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन तिनिबेकोवा के फाइनल में पहुंचने के कारण साक्षी को अब कांस्य पदक के लिए खेलने का मौका मिल गया है, जहां उनका मुकाबला उत्तर कोरिया की सिम जोंग रिम से होगा।
 
यही स्थिति 57 किग्रा वर्ग में पूजा ढांडा की रही। पूजा को भी सेमीफाइनल में उत्तर कोरिया की सुक मियोंग जोंग से 0-10 से तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हार मिली। जोंग के फाइनल में पहुंचने के कारण पूजा को भी कांस्य पदक के लिए उतरने का मौका मिल गया जहां उनका सामना जापान की कत्सुकी सकागा से होगा।
 
एक अन्य भारतीय महिला पहलवान पिंकी को 53 किग्रा वर्ग में प्री क्वार्टर फाइनल में मंगोलिया की सुमिया एर्देनचिमेग से एकतरफा बाउट में 0-10 से हार झेलनी पड़ी। लेकिन पिंकी साक्षी और पूजा की तरह भाग्यशाली नहीं रहीं। उन्हें हराने वाली पहलवान को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा और पिंकी इन खेलों से बाहर हो गईं।
 
पुरुषों के आखिरी फ्री स्टाइल वजन वर्ग 125 किग्रा में भारतीय पहलवान सुमीत को पहले ही राउंड में ईरानी पहलवान परवेज़ हदीबास्मांज ने 10-0 से पराजित कर दिया। सुमीत अपनी बाउट में कोई संघर्ष नहीं कर पाए और पहले ही राउंड में ईरानी पहलवान ने सभी 10 अंक लेकर तकनीकी श्रेष्ठता से मैच जीत क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया। 
 
ईरानी पहलवान के फाइनल में प्रवेश करने के कारण सुमीत को रेपचेज में उतरने का मौका मिला, जहां उन्होंने कजाकिस्तान के ओलेग बोल्टिन को 7-0 से हराकर कांस्य पदक मुकाबले में प्रवेश कर लिया। सुमीत का कांस्य के लिए उज्बेकिस्तान के देवित मोद्जमानशविली से मुकाबला होगा।

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