जकार्ता। ओलंपिक टिकट पक्का कराने के इरादे से गत विजेता भारतीय पुरुष हॉकी टीम एशियाई खेलों में कल अपने अभियान की शुरुआत कमजोर मानी जाने वाली इंडोनेशिया के खिलाफ करेगी।
टूर्नामेंट की शीर्ष रैंकिंग वाली भारतीय टीम स्वर्ण पदक की सबसे मजबूत दावेदार है। विश्व रैंकिंग में पांचवें स्थान पर काबिज भारतीय टीम पूल ए में है जिसमें कोरिया (विश्व रैंकिंग 14), जापान (विश्व रैंकिंग 16), श्रीलंका (विश्व रैंकिंग 38), हांगकांग (विश्व रैंकिंग 45) और मेजबान इंडोनेशिया हैं।
भारतीय टीम को सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए ज्यादा परेशानी नहीं होनी चाहिए, जहां उनका सामन चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान (विश्व रैंकिंग 13) या मलेशिया (विश्व रैंकिंग 12) से हो सकता है। रैंकिंग के लिहाज से इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम को ज्यादा परेशानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि शीर्ष दस में शामिल वह एकमात्र टीम है।
विश्व हॉकी में इंडोनेशिया कमजोर टीम मानी जाती है और इस मुकाबले की एकतरफा होने की संभावना है। यह देखना दिलचस्प होगा की कोच हरेन्द्र सिंह कि भारतीय टीम इंडोनेशिया को कितने बड़े अंतर से हराती है जिससे आगे के मैचों के लिए टीम का मनोबल भी बढ़ेगा।
अप्रैल में गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय टीम पदक के बिना लौटी थी जिसने प्रशंसकों की चिंता बढ़ा दी थी, लेकिन टीम ने हरेन्द्र के मार्गदर्शन में चैंपियंस ट्रॉफी के अंतिम संस्करण के फाइनल में पहुंचकर मजबूत वापसी की। फाइनल में भारतीय टीम ने शीर्ष रैंकिंग वाली ऑस्ट्रेलिया को कड़ी टक्कर दी लेकिन पेनल्टी शूटआउट में हार गई।
दुनिया की शीर्ष टीमों के खिलाफ फॉर्म और प्रदर्शन के आधार पर भारत लगातार दूसरे एशियाई खेलों में लगातार दूसरी बार खिताब जीतने के लिए दावेदार होगा, जैसा उसने पहले कभी नहीं किया है। टूर्नामेंट के 15 संस्करणों में भारतीय टीम सिर्फ एक बार, 2006 दोहा एशियाई खेलों से पदक के बिना लौटी है।
हरेन्द्र ने मई में रिकार्ड चौथी बार राष्ट्रीय टीम की कमान संभालने के बाद 2018 को यादगार बनाए की कोशिश कर रहे है। उनके मुताबिक इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एशियाई खेल पहला कदम है।
हरेन्द्र ने कहा, हम स्वर्ण पदक से कम कुछ भी नहीं सोच सकते। हमें इससे कम कुछ भी मंजूर नहीं। हमें हर मैच में खुद को साबित करना होगा।
उन्होंने कहा, हम यहां स्वर्ण जीत कर ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली टीम बन सकते है जिसकी तैयारी के लिए हमें एक साल और 11 महीने का समय मिलेगा। भारतीय टीम इसके बाद 20 अगस्त को हांगकांग से भिड़ेगी। इसके बाद उनका सामना जापान (24 अगस्त), कोरिया (26 अगस्त) और श्रीलंका (28 अगस्त) से होगा। (भाषा)