नई दिल्ली:कोरोना महामारी से उपजी कठिन चुनौतियों के बावजूद भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा अपने पहले ओलंपिक खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए पूरा ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। कोरोना के कारण अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता नहीं होने से राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी खिलाड़ी को नुकसान पहुंच रहा है लेकिन वह अपने लक्ष्य को लेकर बहुत ज्यादा केंद्रित हैं।
भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा आयोजित एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में नीरज ने कहा, "महामारी के इस अनिश्चित समय में मैं कड़ी मेहनत कर रहा हूं और मैं अपने लक्ष्य पर पूरा ध्यान केंद्रित कर रहा हूं।" “अगर मैं अच्छी तरह से प्रशिक्षण ले रहा हूं तो मैं अपने आप सकारात्मक रह सकता हूं और खुद को प्रेरित कर सकता हूं। मैं अपनी रिकवरी और डाइट पर भी ध्यान देता हूं। बेशक, हमारे देश में कोविड-19 के संक्रमण की खबरें मन पर बहुत ही बुरा असर डालती है लेकिन मैंने अभी समाचार देखना और पढ़ना बंद कर दिया है। मैं ओलंपिक की तैयारी पर पूरा ध्यान केंद्रित कर रहा हूं। ”
कोविड-19 के कारण यात्रा करने पर प्रतिबंध ने उनके लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेना कठिन बना दिया है। नीरज ने कहा, “मैं अपने पहले ओलंपिक से पहले एक अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता खेलना चाहता हूं। खिलाड़ी का आत्मविश्वास का स्तर 100 प्रतिशत होना चाहिए। मैं पटियाला में अच्छी तरह से प्रशिक्षण ले रहा हूं, लेकिन एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता हमेशा अतिरिक्त लाभ देने का काम करती है। मैंने अपनी टीम के साथ बात की है और स्वीडन या फिनलैंड को अपना प्रशिक्षण आधार माना है। वहां प्रतिस्पर्धा का स्तर बेहतर है।
वह जानते हैं कि वह टोक्यो में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना होगा लेकिन वो उसके लिए अच्छी तरह से तैयार हैं। “दुनिया में भाला फेंकने वाली वर्तमान टीम सबसे बेहतर है। उनमें से प्रत्येक 87 या 88 मीटर दूर भाला फेंक रहे हैं। मुझे लगता है कि मेरी कंसिस्टेंसी अब तक ठीक है। मैं 85 मीटर दूर भाला फेंक रहा हूं। मुझे लगता है कि मेरा प्रशिक्षण ने मुझे 90 मीटर दूर भाला फेंकने के करीब ला दिया है। उन्होंने कहा, मेरी तैयारी 90 मीटर के करीब पहुंचने के लिए बेहतर हो रही है लेकिन निश्चित रूप से यह निर्भर करेगा कि टोक्यो में निर्धारित दिन पर क्या होता है।”
नीरज ने कहा, “मुझे खुशी है कि लोगों को मुझसे बहुत उम्मीदें हैं लेकिन मैं इसे दबाव के रूप में नहीं लेना चाहता हूं। मैं वैसे किसी भी चीज के बारे में नहीं सोचना चाहता हूं जो मेरे दिमाग को प्रभावित करे। मुझे पता नहीं कि मैं पदक जीत पाऊंगा लेकिन मैं अपने प्रयास में कोई कसर नहीं छोडूंगा।”
नीरज चोपड़ा ने आगे कहा कि प्रतियोगिता के दौरान मेरे शरीर में अलग से स्फूर्ति चली आती है जिससे मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की ताकत मिलती है। उन्हें नवंबर 2018 में लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना में शामिल किया गया था और अब तक उन्हें कुल 31.42 लाख रुपये खेल विज्ञान उपकरण, खेल गियर, पॉकेट भत्ते आदि के लिए प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा, युवा मामलों एवं खेल मंत्रालय ने 2020-21 के दौरान एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया को 32.53 करोड़ रुपये का एसीटीसी बजट मंजूर किया है।(वार्ता)