नई दिल्ली। भारत के लिए दो सूखे दिन रहने के बाद खुशी का मौका आया जब जीतू राय और हीना सिद्धू ने सोमवार को यहां आईएसएसएफ विश्वकप निशानेबाजी की 10 मीटर मिश्रित टीम एयर पिस्टल स्पर्धा में जीत दर्ज की।
हालांकि मिश्रित स्पर्धा को आईओसी के 2020 टोक्यो ओलंपिक कार्यक्रम में लिंग समानता हासिल करने के उद्देश्य से ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है, इसमें पदक नहीं दिए गए जबकि अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) की कार्यकारी समिति ने इसकी सिफारिशों को मंजूर कर लिया है।
विश्वकप में मिश्रित स्पर्धा शनिवार को 10 मी एयर राइफल स्पर्धा से शुरू हुई जिसमें चीन ने जापान को पछाड़ते हुए स्वर्ण पदक जीता।
इस स्पर्धा में सामंजस्य बिठाना अहम भूमिका निभाता है। राय ने हीना के साथ मिलकर जापान के युकारी कोनिशी और तोमोयुकी मातसुदा को 5-3 से पछाड़ा। स्लोवेनिया के नाफास्वान यांगपाईबून और केविन वेंटा तीसरे स्थान पर रहे। सेमीफाइनल चरण में वे पिछड़ रहे थे लेकिन उन्होंने शानदार जज्बा दिखाकर वापसी की और स्वर्ण पदक के मुकाबले में पहुंच गए।
दुनिया की पूर्व नंबर एक हीना ने स्पर्धा के बाद कहा, यह अच्छा था, बहुत दिलचस्प था। इसके बारे में राय अभी भी अलग-अलग हैं क्योंकि यह शुरुआती दौर में है। इसमें समय लगेगा। लेकिन हमें इसके लिए तैयारी शुरू कर देनी होगी, हम मानकर चल रहे हैं कि यह ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप का हिस्सा होगी।
विश्व चैम्पियनशिप और एशियाई खेलों के रजत पदकधारी जीतू ने कहा, यह कैसे काम करता है, मैं इसे जानने की कोशिश कर रहा हूं। जहां तक सामंजस्य बिठाने की बात है तो हमें अभी थोड़ी मुश्किल आ रही है। लेकिन एक बार नियम स्पष्ट हो जाएंगे तो यह हमारे लिए बेहतर हो जाएगा।
अभिनव बिंद्रा की अगुवाई वाली आईएसएसएफ एथलीट समिति ने मिश्रित स्पर्धा को शामिल करने की सिफारिश की थी और विश्व संचालन संस्था ने भी इस प्रस्ताव को तुंरत मंजूर कर लिया था। (भाषा)