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इंडिया ओपन फाइनल में हार के बाद बोले किदांबी श्रीकांत- यहां हुई बड़ी चूक

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, सोमवार, 1 अप्रैल 2019 (14:43 IST)
नई दिल्ली। भारत के शीर्ष पुरुष एकल बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने रविवार को यहां इंडिया ओपन के फाइनल में डेनमार्क के दूसरे वरीय विक्टर एक्सेलसन के खिलाफ सीधे सेटों में शिकस्त के बाद कहा कि वे अपने खेल में कुछ नया नहीं पर पाए जिसके कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
 
दुनिया के पूर्व नंबर एक और विश्व चैंपियन एक्सेलसन ने 36 मिनट चले मुकाबले में 2015 के चैंपियन श्रीकांत को 21-7, 22-20 से हराकर दूसरी बार खिताब जीता। चौथी बार इंडिया ओपन के फाइनल में खेल रहे एक्सेलसन ने इसके साथ ही 2015 के फाइनल में श्रीकांत के खिलाफ मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया। 
 
मैच में प्रदर्शन के बारे में पूछने पर श्रीकांत ने कहा कि मुझे लगता है कि मैं कुछ अलग नहीं कर पाया और इसलिए मुझे हार का सामना करना पड़ा। मुझे कुछ अलग करना चाहिए था। वह मुझे आक्रामक होकर खेलने का मौका ही नहीं दे रहा था। 
 
उन्होंने कहा कि मैंने मैच की काफी धीमी शुरुआत की और मेरी मूवमेंट भी धीमी थी। उन्होंने काफी अच्छी शुरुआत की और पहले गेम में अधिकांश समय काफी प्रभावशाली था। वे मुझे आक्रामक होकर खेलने का मौका ही नहीं दे रहा थे। 
 
इस हार के साथ श्रीकांत 17 महीने के खिताबी सूखे को खत्म करने में नाकाम रहे। उन्होंने पिछली बार सुपर सीरीज स्तर के टूर्नामेंट में अक्टूबर 2017 में जगह बनाई थी और तब फ्रेंच ओपन का खिताब जीतने में सफल रहे थे। श्रीकांत ने स्वीकार किया कि उन्होंने एक्सेलसन को काफी मौके दिए।
 
दुनिया के 7वें नंबर के इस खिलाड़ी ने कहा कि मुझे लगता है कि मैंने पहले गेम में उसे तेजी दिखाने के कई मौके दे दिए। दूसरे गेम में मैंने बेहतर प्रदर्शन किया और अगर मैच निर्णायक गेम में जाता तो शायद मेरे पास बेहतर मौका होता। पिछले एक हफ्ते में अपने प्रदर्शन से मैं काफी खुश हूं। 
 
पूर्व विश्व चैंपियन एक्सेलसन ने कहा कि श्रीकांत दूसरे गेम में मजबूत वापसी करने में सफल रहे और अगर वे इसे जीत जाते तो मैच का नतीजा कुछ भी हो सकता था। एक्सेलस ने कहा कि पहले गेम में मैंने अच्छी शुरुआत की लेकिन श्रीकांत दूसरे गेम में वापसी करते हुए अच्छा खेला। यह काफी करीबी गेम था और इसे कोई भी जीत सकता था। आप कुछ नहीं कह सकते कि अगर श्रीकांत दूसरा गेम जीत जाते तो क्या होता। 
 
उन्होंने कहा कि आपको थोड़े भाग्य की जरूरत होती है। शटल नेट से टकराकर उनकी ओर गिर गई और मैं ड्रिफ्ट को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने में सफल रहा। मैं धैर्य बरकरार रखने में सफल रहा। लेकिन यह कहा जा सकता है कि सफलता और विफलता के बीच अधिक अंतर नहीं था। 
 
पिछले कुछ समय से चोट से परेशान रहे एक्सेलसन पूर्ण फिटनेस हासिल करके खुश हैं। उन्होंने कहा कि मैंने अब चोट को पीछे छोड़ दिया है। इससे उबरने में काफी समय लगा। चोट के बाद सामान्य फिटनेस हासिल करने में काफी समय लग गया। 
 
टूर्नामेंट जीतने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि टूर्नामेंट जीतना हमेशा अच्छा होता है और इसीलिए खेलते हैं। मैं खुश हूं और टूर्नामेंट जीतने से हमेशा आपका आत्मविश्वास बढता है। ऑल इंग्लैंड फाइनल में जगह बनाने के बाद यहां खिताब जीतना काफी अच्छा रहा। 
 
दूसरी तरफ महिला एकल फाइनल में दुनिया की 8वें नंबर की खिलाड़ी और चौथी वरीय थाईलैंड की रतचानोक इंतानोन ने 46 मिनट में दुनिया की 7वें नंबर की खिलाड़ी और तीसरी वरीय चीन की ही बिंगजियाओ को 21-15, 21-14 से हराकर तीसरी बार महिला एकल का खिताब जीता।
 
दो बार की पूर्व चैंपियन इंतानोन ने कहा कि उसने मैच में अच्छी शुरुआत की लेकिन मैंने कभी हार के बारे में सोचा ही नहीं। मैं सिर्फ प्रत्येक अंक को खेलने के बारे में सोच रही थी। मुझे लगता है कि मानसिकता सबसे महत्वपूर्ण होती है क्योंकि खिलाड़ी सिर्फ जीतने के बारे में सोचता है लेकिन मुझे लगता है कि आज मेरी मानसिकता उससे बेहतर थी।
 
उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि वे काफी कुशल खिलाड़ी हैं और जब उन्होंने कुछ मुश्किल शॉट खेले तो मुझे हैरानी नहीं हुई। कोर्ट पर उतरने से पहले मैंने देखा कि इससे पहले उसके खिलाफ मेरा रिकॉर्ड 0-4 था और मैंने सोचा कि आज मुझे इसे बदलना है। (भाषा)

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