Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

कृपाशंकर की कोचिंग में जलवे दिखाने के लिए बेताब हैं भारतीय लड़कियां

Advertiesment
हमें फॉलो करें Kripashankar Bishnoi

सीमान्त सुवीर

हरियाणा के रोहतक की साक्षी मलिक ने जब से रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता है, वे भारतीय लड़कियों के लिए आदर्श बन गई हैं। लड़कियों की बाजुओं में कितनी ताकत होती है, इसका अहसास उन्होंने ब्राजील के खूबसूरत शहर रियो में आयोजित ओलंपिक खेलों में करवा दिया। साक्षी मलिक के पांच साल तक कोच रहे इंदौर के कृपाशंकर बिश्नोई का मकसद सिर्फ एक साक्षी को तैयार करना नहीं है बल्कि अनेक महिला पहलवानों को तैयार करने का जुनून है, जो विदेशी सरजमी पर तिरंगा लहराकर देश की शान बढ़ा सकें। 
साई सेंटर लखनऊ में सब जूनियर वर्ग (अंडर 17 कैडेट) का शिविर लगा हुआ है, जिसमें देशभर से 40 चुनी हुई लड़कियों ने हिस्सा लिया और उसके बाद 10 सदस्यीय टीम घोषित की गई, जो 13 से 18 सितम्बर 2016 तिबलसी, जार्जिया में विश्व कैडेट कुश्ती चैम्पिनयनशिप में हिस्सा लेगी। खुद कृपाशंकर टीम के चीफ कोच की हैसियत से जॉर्जिया जाएंगे। विश्व कैडेट कुश्ती में भाग लेने वाला भारतीय दल इस प्रकार है-
38 किलोग्राम मनीषा हरियाणा
40 किलोग्राम मानसी हरियाणा
43 किलोग्राम अंकुश हरियाणा
46 किलोग्राम अंजू हरियाणा
49 किलोग्राम मीनाक्षी हरियाणा
52 किलोग्राम किरण हरियाणा
56 किलोग्राम सोनिका हुड्डा हरियाणा
60 किलोग्राम अंशु हरियाणा
65 किलोग्राम टीना हरियाणा
70 किलोग्राम करुणा हरियाणा
webdunia
जॉर्जिया में विश्व कैडेट कुश्ती में भाग लेने वाली भारतीय महिला पहलवान 
हालांकि लखनऊ यह शिविर पिछले 6 महीनों से चल रहा है। इस बीच शिविर की लड़कियों ने चीनी ताईपेई में आयोजित एशियन महिला कुश्ती चैम्पियनशिप में भी हिस्सा लिया था। इसमें भारतीय महिला पहलवानों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 1 स्वर्ण, 3 रजत, 3 कांस्य पदक प्राप्त किए और एशिया में दूसरी चैम्पियनशिप पर कब्जा जमाया। भारतीय कुश्ती टीम के चीफ कोच कृपाशंकर को उम्मीद है कि जॉर्जिया में भी भारतीय पहलवान एशियन कुश्ती की सफलता को दोहराएंगी। 
webdunia
कृपाशंकर ने लखनऊ से टेलीफोन पर दिए विशेष साक्षात्कार में बताया कि कैंप में सभी लड़कियों में जोश है और जब से साक्षी ने ओलंपिक का कांस्य पदक जीता है, उनका यह जोश दोगुना हो गया है। कृपाशंकर 2009 से 2012 तक सब जूनियर के नेशनल कोच रहे जबकि 2012 से 2015 तक सीनियर टीम के कोच की भूमिका निभाई। 2009 में साक्षी मलिक जरूर एशियन कुश्ती चैम्पियनशिप में स्थान बनाने में नाकाम रहीं थी लेकिन इसके बाद उन्होंने जमकर मेहनत की और आज नतीजा पूरे देश के सामने है। 
 
कुश्ती में 'अर्जुन अवॉर्ड' से सम्मानित कृपाशंकर की कोचिंग में तीन ओलंपियन महिला पहलवान विनेश फोगट, बबीता फोगट और साक्षी मलिक तैयार हुई हैं। उन्होंने कहा कि यदि रियो ओलंपिक में विनेश को चोट नहीं लगती तो वह जरूर फाइनल खेलती। मुझे उसकी चोट का अफसोस है। वाकई वह बहुत पीड़ादायक दर्द था लेकिन मुझे उम्मीद है कि विनेश आने वाले वक्त में भारत के लिए पदक जरूर जीतेगी। उसमें काफी प्रतिभा है। वह साक्षी से भी कहीं तेजतर्रार है। 
 
भारतीय महिला कुश्ती में फोगट बहनों के अलावा अन्य स्टार महिला पहलवान नीता, पूजा ढांडा, शिल्पी शेरोन, नवजोत कौर आदि पहलवानों ने कुश्ती के गुर कृपाशंकर से ही सीखें हैं। यही नहीं, उन्होंने बॉलीवुड के सुपर स्टार आमिर खान को भी उनकी फिल्म 'दंगल' में कुश्ती कला की बारीकियां कई महीनों तक दी। 
 
रियो ओलंपिक खेलों का आयोजन अगस्त में हुआ था और जुलाई महीने में ही कुपाशंकर ने यह उम्मीद जताई थी कि सलमान खान की फिल्म 'सुल्तान' और आमिर खान की फिल्म 'दंगल' देश में कुश्ती को बढ़ावा तो मिलेगा ही साथ ही साथ रियो ओलंपिक में भी पहलवानों का मनोबल बढ़ेगा। उनकी यह उम्मीद रंग लाई और साक्षी ने कांस्य पदक अपने गले में पहनकर लौटीं। 
 
यूं तो साक्षी से कृपाशंकर का नाता बहुत पुराना है। साथ ही साथ वे अपने कोच की डांट का भी शिकार हो चुकीं हैं।
आज से सात साल पहले 2009 में कोच कृपाशंकर ने साक्षी को अनुशासन का पाठ पढ़ाया था। देर से आने के कारण साक्षी मलिक को शिविर में आने की अनुमति नहीं दी थी। 
 
यही नहीं, विनेश फोगट और बबीता फोगट को भी शिविर में आने की अनुमति नहीं दी थी। शायद इसी कठोर अनुशासन का नतीजा है कि ये तीनों पहलवान आने वाले समय में न केवल क़पाशंकर की सबसे प्रिय शिष्याएं रहीं, बल्कि उन्होंने अपने प्रदर्शन से भारत का मान भी बढ़ाया। इन तीनों को उन्होंने पांच बरस तक प्रशिक्षण दिया है। उनका मानना है कि कुश्ती में तप करना होता है, तभी जाकर इसका प्रतिफल मिलता है, जैसा कि साक्षी को उसकी तपस्या और कठोर परिश्रम का प्रतिफल ओलंपिक में जाकर मिला है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अभिनव बिंद्रा ने कहा, 'रियो' बीत गया अब आगे देखना अहम