नई दिल्ली। युवा फुटबॉलरों और खासतौर पर अंडर-17 विश्व कप की भारतीय टीम को प्रेरित करने के लिए देश के लीजेंड फुटबॉलरों पर एक फोटो प्रदर्शनी यहां जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 11 से 15 सितंबर तक लगाई जाएगी।
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में ही फीफा अंडर-17 विश्व कप के भारतीय टीम के ग्रुप चरण मैच खेले जाएंगे। भारतीय फुटबॉल का 1948 से 1970 तक स्वर्णिम युग रहा था। उस समय भारत ने 1948 के लंदन, 1952 के हेलसिंकी, 1956 के मेलबोर्न ओलंपिक के नॉकआउट मैच खेले थे जबकि 1960 के रोम ओलंपिक में भारतीय टीम लीग एवं नॉकआउट मुकाबलों में खेली थी।
भारत ने 1951 के दिल्ली और 1962 के जकार्ता एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक भी जीते थे। भारत ने 1970 के बैंकॉक एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था। उस समय की टीमों में ऐसे दिग्गज फुटबॉलर शामिल थे जिनके बारे में मौजूदा पीढ़ी को ज्यादा जानकारी नहीं है। ऐसे दिग्गज फुटबॉलरों से युवा पीढ़ियों को अवगत कराने के लिए पूर्व ओलंपियन और भारतीय खेल प्राधिकरण के मुख्य प्रोजेक्ट निदेशक (फुटबॉल) एसएस हकीम ने यह फोटो प्रदर्शनी कराने की पहल की है।
हकीम ने साई में ही निदेशक और पूर्व फुटबॉल कोच बीरू मल तथा इस प्रदर्शनी को प्रायोजित कर रहे इंडो-यूरोप स्पोर्ट्स के अध्यक्ष वसीम अल्वी के साथ शुक्रवार को नेहरू स्टेडियम में संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में 1948 से लेकर 1982 तक भारतीय फुटबॉल के दिग्गज खिलाड़ियों पर फोटो प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
इस प्रदर्शनी का उद्देश्य इन लीजेंड को याद करना, अंडर-17 टीम को विश्व कप में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करना और युवा खिलाड़ियों को इनके नक्शेकदम पर चलने के लिए प्रोत्साहित करना है। प्रदर्शनी के लिए प्रवेश नि:शुल्क रहेगा।
ओलंपियन फुटबॉलर हकीम ने कहा कि यदि हम यहां सफल होते हैं तो हम इस प्रदर्शनी को और जगह भी ले जाने की कोशिश करेंगे। हम अंडर-17 टीम को यहां आमंत्रित करेंगे ताकि वह इन दिग्गजों को देखे और विश्व कप में देश के लिए यादगार प्रदर्शन करे। हम स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालय के छात्रों को भी यहां आने का आग्रह करेंगे। इससे फुटबॉल को लेकर नई जागरूकता फैलेगी और विश्व कप को लेकर उत्साह भी बढ़ेगा। (वार्ता)