भुवनेश्वर। भारत के खिलाफ कांस्य पदक के मुकाबले में सिर्फ 11 खिलाड़ियों के साथ उत्तरी जर्मन टीम को हराने के बाद मेजबान कप्तान मनप्रीतसिंह ने कहा कि उनकी टीम का फोकस सिर्फ कांस्य पदक पर था और वे इस बारे में नहीं सोच रहे थे कि जर्मनी के कितने खिलाड़ी मैदान पर हैं।
जर्मनी के सात खिलाड़ी अनफिट थे और दुनिया की पांचवें नंबर की टीम सिर्फ 11 खिलाड़ियों के साथ उतरी थी। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मनप्रीत ने कहा कि हम मैदान पर उतरे ही यह सोचकर थे कि पदक जीतकर लौटना है। हम पदक का रंग बेहतर नहीं कर सके लेकिन पिछली बार जीता पदक गंवाना नहीं था।
हम यह नहीं सोच रहे थे कि जर्मनी के कितने खिलाड़ी खेल रहे हैं। उन्होंने जूनियर खिलाड़ियों की तारीफ करते हुए कहा कि जूनियर खिलाड़ियों ने महसूस ही नहीं होने दिया कि वे जूनियर हैं। उन्होंने जूनियर विश्व कप जीता था और इससे पहले एशिया कप और यूरोप दौरे पर भी उम्दा प्रदर्शन किया था।
ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह ने कहा कि वे गलतियों से सबक लेकर आगे अच्छा प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि पेनल्टी कॉर्नर में हमारा प्रदर्शन उतना भी खराब नहीं रहा। हम लगातार सीख रहे हैं और आगे बेहतर प्रदर्शन करेंगे। जर्मनी के कोच स्टीफन करमास ने टूर्नामेंट के शेड्यूल की आलोचना करते हुए कहा कि हमने सात खिलाड़ियों के बीमार रहते 24 घंटे में दो मैच खेले। इतने अहम टूर्नामेंट का शेड्यूल इससे बेहतर हो सकता था। (भाषा)