रियो डि जेनेरियो। रियो पैरालंपिक खेलों के ऊंची कूद टी-42 स्पर्धा में भारतीय पैरा एथलीट मरियप्पन थांगावेलू ने स्वर्ण और वरुण भाटी ने इसी प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर भारत का रियो पैरालंपिक में पदकों के जीतने का खाता खोल दिया है।
पैरालंपिक खेलों के दूसरे दिन थांगावेलू ने 1.89 मीटर की छलांग लगाते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया तो वहीं भाटी ने 1.86 मीटर की छलांग लगाकर कांस्य पदक अपने नाम किया। इस स्पर्धा का रजत पदक अमेरिका के सैम ग्रेवी को मिला। उधर भारत के ही संदीप भाला फेंक स्पर्धा का कांस्य पदक जीतने से चूक गए और वे चौथे स्थान पर रहे।
तमिलनाडु के 20 वर्षीय थांगावेलू पहले भारतीय पैरा एथलीट बन गए हैं जिन्होंने ऊंची कूद स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है। इससे पहले इस स्पर्धा में एचएन गिरीशा ने 2012 के लंदन पैरालंपिक खेलों में पदक जीता था। थांगावेलू पैरालंपिक खेलों में मुरलीकांत पेटकर (स्वीमिंग 1972 हेजवर्ग) और देवेन्द्र झाझरिया (भाला फेंक, एथेंस 2004) के बाद पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय पैरा एथलीट बन गए हैं।
दो करोड़ रुपए देने की घोषणा : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने रियो पैरालम्पिक खेलों की उंची कूद स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले राज्य के एथलीट मरियप्पन थंगावेलू के लिये दो करोड़ रुपए के नकद पुरस्कार की घोषणा की। उन्होंने थंगावेलू को बधाई पत्र में कहा कि तमिलनाडु राज्य की ओर से पैरालम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के लिये तमिलनाडु सरकार ने आपको दो करोड़ रुपए का नकद पुरस्कार देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पैरालम्पिक खेलों में उनके स्वर्ण पदक जीतने से काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि मैं समझती हूं कि यह पहली बार है जब किसी भारतीय ने पैरालम्पिक में उंची कूद स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है। (वार्ता/ भाषा)