नई दिल्ली। दिग्गज मुक्केबाज एमसी मेरीकॉम ने कहा कि एशियाई चैंपियनशिप में भाग नहीं लेने का उनका फैसला ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिए एक बड़ी योजना का हिस्सा है जहां उनके वजन वर्ग में काफी ‘कठिन’ मुकाबला होगा।
मेरीकॉम ने पिछले साल दिल्ली में अपना छठा विश्व खिताब जीता था। उनका लक्ष्य रूस के येकातेरिनबर्ग में होने वाली विश्व चैंपियनशिप से 2020 तोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना हैं। एशियाई चैम्पियनशिप का आयोजन अगले महीने थाईलैंड में होगा।
मेरीकॉम ने कहा, ‘मेरे लिए यह काफी अहम साल है। मेरा मुख्य लक्ष्य तोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना है। मैं प्रतियोगिता में भाग लिए बिना ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकती हूं। मुझे मेरे भारवर्ग के सभी प्रतिद्वंद्वियों के बारे में पता होने के साथ यह भी मालूम होना चाहिए कि मेरी तुलना में वे कितनी मजबूत है।’
दिग्गज मुक्केबाज ने कहा, ‘मुझे पहले इंडिया ओपन में भाग लेना है और फिर 51 किग्रा वर्ग में अपने टूर्नामेंट का चयन करना है। मेरा ध्यान ओलंपिक के लिए क्वालीफाइ करने पर है और यही कारण है कि मैंने एशियाई चैंपियनशिप को छोड़कर विश्व चैम्पियनशिप के लिए सर्वश्रेष्ठ तैयारी करने का फैसला किया है।’
लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता ने कहा, ‘सही योजना के बिना मैं ओलंपिक का टिकट नहीं कटा सकती। मेरे लिए इंडिया ओपन भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए मैंने ओलंपिक क्वालीफिकेशन करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टूर्नामेंटों को चुनने का मन बनाया है।’
एआईबीए विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप का आयोजन सात से 21 सितंबर तक होगा। छत्तीस साल की मेरीकॉम 51 किग्रा वर्ग में भाग लेंगी क्योंकि उनके पसंदीदा 48 किग्रा वर्ग को ओलंपिक में शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने इस महीने की शुरुआत में अभ्यास के तहत जर्मनी में 51 किग्रा वर्ग मुक्केबाजी में भाग लिया था। मणिपुर की यह खिलाड़ी वहां से अपराजित होकर लौटी थी।
तीन बच्चों की मां मेरीकॉम ने कहा, ‘मैं पिछले एक साल से ही 51 किग्रा वर्ग में भाग ले रही हूं। मुझे पता है किन क्षेत्रों में मुझे सुधार करना है लेकिन फिटनेस को लेकर कोई समस्या नहीं है। मुझे बस अपनी ताकत और सहनशक्ति पर काम करना है।’