नई दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने गुरुवार को कहा कि अगर पहलवान नरसिंह यादव को डोपिंग प्रकरण में नाडा द्वारा हरी झंडी मिल जाती है तो रियो ओलंपिक में प्रवीण राणा की जगह उसके खेलने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने 74 किग्रा फ्रीस्टाइल कोटा स्थान के लिए राणा को चुना है, क्योंकि नरसिंह को प्रतिबंधित स्टेरॉइड के सेवन के लिए पॉजीटिव पाया गया था। नरसिंह के मामले की सुनवाई नाडा अनुशासनात्मक पैनल द्वारा की जा रही है।
आईओए के महासचिव राजीव मेहता ने कहा कि आईओए डाकखाने की तरह है। हम सुविधा मुहैया कराने वाले हैं। हमने डब्ल्यूएफआई की इच्छा पर नरसिंह की जगह प्रवीण राणा को नामांकित किया जिसे यूनाइटेड विश्व कुश्ती ने भी स्वीकार कर लिया है।
उन्होंने कहा कि अगर डब्ल्यूएफआई नरसिंह को दोबारा भेजना चाहता है, बशर्ते इस पहलवान को नाडा पैनल से पसंदीदा फैसला मिल जाता है और अंतरराष्ट्रीय महासंघ इस पर सहमत होता है तो हम पर आपत्ति क्यों करेंगे। हमें इसमें कोई परेशानी नहीं है और ऐसे में हम नरसिंह को ओलंपिक में जाने की अनुमति दे देंगे।
मेहता ने यह भी कहा कि आईओए ने 211 सदस्यीय दल जिसमें 124 खिलाड़ी शामिल हैं, को रियो खेलों के लिए हरी झंडी दे दी है। भारतीय दल में कोचों सहित 87 सहयोगी स्टाफ होगा। इन 124 खिलाड़ियों में 4 हॉकी खिलाड़ी (पुरुष और महिला टीम प्रत्येक से 2-2) भी शामिल हैं जिन्हें रिजर्व खिलाड़ी के तौर पर चुना गया है, जो खेलगांव में नहीं ठहरेंगे।
अगर चक्का फेंक एथलीट इंद्रजीत सिंह को नाडा द्वारा ओलंपिक में भाग लेने से रोक दिया जाता है तो एथलीटों की संख्या एक कम हो जाएगी। इंद्रजीत का ‘ए’ नमूना प्रतिबंधित पदार्थ के परीक्षण में पॉजीटिव पाया गया था। यह पूछने पर कि भारतीय दल को खेल मंत्रालय द्वारा हरी झंडी दिए जाने की जरूरत है? तो मेहता ने कहा कि मुझे लगता है कि इसकी कोई जरूरत नहीं है। हम सरकार से किसी तरह का फंड नहीं ले रहे हैं। (भाषा)