नई दिल्ली। पहलवान नरसिंह यादव के डोपिंग प्रकरण में फंसने के हाई प्रोफाइल मामले की राष्ट्रीय डोपिंगरोधी एजेंसी (नाडा) में सुनवाई स्थगित कर दी गई और अब उनके भाग्य का फैसला गुरुवार को होगा।
यहां नाडा में जांच पैनल के समक्ष नरसिंह की मौजूदगी में सुनवाई शाम चार बजे से शुरू होकर करीब साढ़े तीन घंटे चलने के बाद स्थगित कर दी गई। सुनवाई के बाद नरसिंह के वकील विदुषपत सिंघानिया ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने नाडा के समक्ष नरसिंह का पक्ष रख दिया है लेकिन अभी कोई फैसला नहीं किया गया है। सुनवाई कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
नरसिंह के वकील ने कहा, हमने नरसिंह का पक्ष जांच पैनल के सामने रखते हुए बताया है कि वह षडयंत्र के शिकार हुए हैं। हमें नाडा पैनल में पूरा भरोसा है और हमें पूरी उम्मीद है कि नरसिंह को क्लीन चिट मिलेगी। नाडा पैनल मददगार है। पैनल ने हमारी बातों को धैर्य से सुना और निष्पक्ष सुनवाई की। जांच पैनल अब इस मामले में अपना फैसला गुरुवार को सुनाएगा।
महाराष्ट्र के पहलवान नरसिंह ने दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार से अदालती लड़ाई जीती थी लेकिन डोपिंग विवाद के कारण उनकी रियो ओलंपिक में उतरने की उम्मीदें धूमिल हो चुकी हैं। उनका दूसरा डोप टेस्ट भी विफल रहा था। नरसिंह का आरोप है कि उनके साथ साजिश की गई है और उनके खाने-पीने में मिलावट की गई है।
रियो ओलंपिक के लिए ओलंपिक कोटा हासिल कर चुके नरसिंह गत पांच जुलाई को हुए डोप टेस्ट में फेल पाए गए। उनके ए और बी नमूने दोनों ही पॉजिटिव पाए गए। नरसिंह ने इस मामले में साजिश का आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके फूड सप्लीमेंट और पानी के साथ छेड़छाड़ की गई है। भारतीय कुश्ती महासंघ ने भी नरसिंह का समर्थन करते हुए कहा है कि उनके खिलाफ साजिश की गई है।
डोप टेस्ट में फेल होने के बाद नरसिंह को अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया गया था। उन्हें नाडा के समक्ष सुनवाई में बुधवार को अपना पक्ष रखना था। नरसिंह शाम चार बजे नाडा पहुंचे। उनके साथ वकीलों की एक पूरी टीम थी। सुनवाई चार बजे शुरू होने के बाद साढ़े तीन घंटे तक चली, जिसके बाद नरसिंह के वकीलों ने बताया कि सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
नरसिंह के नाडा पहुंचते ही उनके पक्ष में समर्थकों ने नारे लगाने शुरू कर दिए। नरसिंह के आने के लगभग दो घंटे पहले ही भारी संख्या में मीडियाकर्मी और नरसिंह के समर्थक जमा हो गए थे। नरसिंह जैसे ही नाडा पहुंचे मीडियाकर्मी उनकी एक झलक कैमरे में कैद करने के लिए जैसे टूट पड़े।
इसी बीच नरसिंह के समर्थकों ने 'नरसिंह भाई जिंदाबाद', 'नरसिंह तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं', 'नरसिंह को इंसाफ दो' और 'दोषियों को सजा दिलाओ', सीबीआई जांच कराओ' जैसे नारे लगाने लगे। उसके बाद सुनवाई चलती रही लेकिन कोई फैसला निकल कर नहीं आया।
नरसिंह मामले की गंभीरता को देखते हुए कुश्ती की विश्व संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने एक बयान जारी कर कहा, लास वेगास में 2015 वर्ल्ड चैंपियनशिप में देश को ओलंपिक कोटा दिलाने वाले नरसिंह यादव को भारतीय ओलंपिक संघ ने अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया है और उन पर रियो ओलंपिक खेलों में भाग लेने से रोक लगा दी गई है।
इस हाई प्रोफाइल मामले में केन्द्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा है कि उनका मंत्रालय इस बात को देख रहा है कि डोपिंग मामले में फंसे पहलवान नरसिंह के स्थान पर किसी अन्य भारतीय पहलवान को रियो ओलंपिक में भेजा जा सकता है अथवा नहीं। हालांकि कुश्ती महासंघ ने नरसिंह के 74 किग्रा वजन वर्ग में उनकी जगह पहलवान प्रवीण राणा का नाम यूडब्ल्यूडब्ल्यू को भेज दिया है।
नरसिंह का मामला आज राज्यसभा में भी गूंजा। गोयल ने संसद के बाह कहा, यदि कोई खिलाड़ी गंभीर रूप से सही नहीं है अथवा अस्वस्थ है तो असामान्य परिस्थितियों में एजेंसी उस खिलाड़ी के स्थान पर किसी अन्य पर विचार कर सकती है।
उन्होंने पुष्टि की कि यदि डोपिंग रोधी पैनल किसी खिलाड़ी को अस्थाई तौर पर निलंबित कर देता है और अंतिम रिपोर्ट आ जाती है तो उसकी जगह किसी अन्य खिलाड़ी पर विचार नहीं किया जा सकता। गोयल ने कहा कि नरसिंह मामले में जांच पैनल की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि यदि कोई खिलाड़ी डोप में फेल हो जाता है तो उसके स्थान पर किसी अन्य खिलाड़ी को डोप में फेल हुए खिलाड़ी के स्थान पर भेजा सकता है।
सुनवाई से पहले पहलवान नरसिंह एक पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज करा चुके हैं और उन्होंने खेल मंत्रालय को भी पत्र लिखा है। यदि नरसिंह नाडा पैनल के समक्ष अपनी बेगुनाही साबित नहीं कर पाते हैं तो उनकी जगह प्रवीण राणा को रियो जाने का मौका मिल सकता है। (वार्ता)