कोलकाता। केरल ने गत चैंपियन बंगाल का किला रविवार को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से तोड़कर 72वीं संतोष ट्रॉफी राष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिता का खिताब जीत लिया। विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन में खेले गए फाइनल में हुई कांटे की टक्कर में निर्धारित समय तक स्कोर 2-2 से बराबर रहने के बाद खिताब का फैसला शूटआउट में हुआ जिसमें केरल ने बाजी मारकर छठी बार यह खिताब अपने नाम कर लिया।
केरल ने 2012/13 संस्करण के बाद पहली बार फाइनल में जगह बनाई थी और अपने ओवरआल 14वें फाइनल में बंगाल का 33वीं बार संतोष ट्रॉफी चैंपियन बनने का सपना तोड़ दिया। जितिन एमएस ने 19वें मिनट में गोल कर केरल को बढ़त दिलाई लेकिन जितेन मुर्मू ने 68वें मिनट में बंगाल को बराबरी पर ला दिया।
मैच के 90 मिनट तक स्कोर 1-1 से बराबर रहने पर मैच अतिरिक्त समय में चला गया, जिसमें दोनों टीमों ने बढ़त पाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर झोंक दिया। अतिरिक्त समय में विबिन थॉमस ने 117 वें मिनट में केरल को आगे कर दिया।
जब ऐसा लग रहा था कि केरल मैच जीत जाएगा कि तभी तीर्थांकर ने इंजरी समय में गोल कर मैच को पेनल्टी शूटआउट में पहुंचा दिया। शूटआउट में केरल ने बंगाल की उम्मीदों को तोड़ दिया। अंकित मुख़र्जी और नबी हुसैन खान बंगाल के लिए पहली दो पेनल्टी चूक गए।
केरल के गोलकीपर मिथुन वी ने दोनों शॉट बचा लिए। तीर्थांकर सरकार और संचयन समाद्देर ने अपने शॉट गोल में पहुंचाए लेकिन इसका बंगाल को कोई फायदा नहीं हुआ। केरल के लिए राहुल वी राज, जितिन गोपालन, जस्टिन जॉर्ज और सीसन एस ने गोल दागकर केरल को चैंपियन बना दिया। केरल को पांच साल पहले अपने घर कोच्चि में सेना के हाथों पेनल्टी शूटआउट में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस बार उसने शूटआउट में मौका नहीं गंवाया। (वार्ता)