अबु धाबी। माइकल शूमाकर और सेबेस्टियन वेट्टल के बाद जर्मनी को अब निको रोसबर्ग के रूप में नया फार्मूला विश्व चैंपियन मिल गया है लेकिन रोसबर्ग के घर में अगले सत्र में जर्मनी ग्रां प्री के होने पर संकट के बादल मंडरा चुके हैं।
जर्मन ग्रां प्री का 2015 में आयोजन नहीं हुआ था और वित्तीय कारणों से 2017 में भी इसका आयोजन मुश्किल बताया जा रहा है। जर्मन प्रशंसक अगले सत्र में रोसबर्ग को अपने यहां रेस करता हुआ नहीं देख पाएंगे। रोसबर्ग के साथ टीम चैंपियनशिप जीतने वाली उनकी मर्सिडीज टीम का कहना है कि इस मामले में वह भी कुछ नहीं कर सकती है।
मर्सिडीज के मोटर स्पोर्ट्स प्रमुख टोटो वोल्फ ने अबु धाबी ग्रां प्री के बाद कहा हम काफी तरह की अफवाहें सुन रहे हैं। जर्मन ग्रां प्री इतिहास का हिस्सा हो सकती है। हमारे लिए यह काफी मुश्किल समय होगा। हमारी फैक्ट्रियां जर्मनी में हैं। प्रशंसक जर्मनी में हैं और यह जर्मनी के लिए महत्वपूर्ण रेस है।
वोल्फ ने कहा कि मर्सिडीज ने पहले भी वित्तीय और मार्केटिंग सहयोग देने की पेशकश की थी लेकिन इसे लिया नहीं गया और इस बार इस तरह की कोई बात नहीं है।
होकेनहैम के प्रमुख जार्ग सीलर ने पिछले सप्ताह जर्मन मीडिया को कहा था कि लगातार वर्षों में इस इवेंट को आयोजित करने से उनके सर्किट को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। इस वर्ष रेस में केवल 57000 दर्शक आए थे।
जर्मनी को 2017 में अस्थायी तौर पर 21 रेसों के कार्यक्रम में रखा गया है लेकिन फार्मूला वन प्रमुख बर्नी एक्लस्टोन संकेत दे चुके हैं कि जर्मन ग्रां प्री को हटाया जाएगा। (वार्ता)