नई दिल्ली। 5 से 21 अगस्त तक होने वाले रियो ओलंपिक में भारतीय मुक्केबाज शिवा थापा (56 किग्रा), मनोज कुमा
र (64 किग्रा) और विकास कृष्णन यादव (75 किग्रा) को राष्ट्रीय ध्वज के तले लड़ने की अनुमति मिल गई है।
विश्व मुक्केबाजी संघ (आईबा) ने भारतीय टीम को तिरंगे तले मुकाबले खेलने के लिए हरी झंडी दे दी है। गौरतलब है कि भारतीय अधिकारियों और आईबा के बीच पैदा हुए आपसी मतभेदों के कारण मुक्केबाजी की इस शीर्ष संस्था ने 2012 में नेशनल फेडरेशन को निलंबित कर दिया था।
मुक्केबाजी पैनल से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि दोनों के बीच मतभेद अब खत्म हो चुका है और आईबा भारतीय टीम को छूट देने पर सहमत हो गया है।" नेशनल फेडरेशन के निलंबन के कारण पिछले चार वर्षों से राष्ट्रीय प्रतियोगिता का अायोजन नहीं हो सका है। राष्ट्रीय मुक्केबाजी महासंघ की अनुपस्थिति में मुख्य कोच जीएस संधू और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के महानिदेशक इंजेटी श्रीनिवास मुक्केबाजी से जुड़े मामलों को देख रहे हैं।
रियो ओलंपिक के आईबा भारतीय अधिकारियों को मुक्केबाजों के साथ जाने की इजाजत दे सकता है। लंदन ओलंपिक में जहां आठ मुक्केबाजों ने क्वालीफाई किया था वहीं इस बार फेडरेशन के विवाद के चलते ऐसा असर पड़ा कि तीन मुक्केबाज ही क्वालीफाई कर पाए।
हाल ही में भारत के सुपर स्टार मुक्केबाज विजेन्दर सिंह ने भी इस मामले पर अपनी चिंता प्रकट की थी। उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने तथा इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। पिछले चार महीने मैं चार बार मुक्केबाजी संघ के लिए होने वाले चुनाव के तारीखों की घोषणा की गई है लेकिन एक बार भी चुनाव नहीं हो सका है। इसे लेकर पैनल इस रविवार को मुंबई में एक बैठक करेगा और स्थिति की समीक्षा कर चुनाव के तारीखों की घोषणा करेगा। (वार्ता)