रियो डि जेनेरो। रियो पैरालंपिक की पदक विजेता बेल्जियम की मेरिएके वेरवूर्ट ने कहा है कि वह अभी भी इच्छामृत्यु के बारे में विचार कर रहीं हैं लेकिन रियो खेलों के तुरंत बाद उनका ऐसा करने का फिलहाल इरादा नहीं है।
37 वर्षीय मेरिएके ने 400 मीटर व्हीलचेयर दौड़ में शनिवार को रजत पदक जीता था। वह रीढ़ की हड्डी में परेशानी से जूझ रही हैं जिसका उपचार संभव नहीं है। मेरिएके ने अपनी इस बीमारी के कारण वर्ष 2008 में बेल्जियम में इच्छामृत्यु के लिए अर्जी की थी। बेल्जियम में इच्छामृत्यु कानूनी रूप से मान्य है।
बेल्जियम की मीडिया ने हालांकि कहा था कि पैरालंपियन खिलाड़ी रियो खेलों के बाद ही इच्छामृत्यु ले लेंगी लेकिन मेरिएके ने इन खबरों का खंडन किया है। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में भावुक होते हुए कहा मैंने इच्छामृत्यु के लिए अर्जी की है और यह दस्तावेज मेरे हाथ में हैं। लेकिन मैं अब भी जीवन के हर पल का मजा ले रही हूं। जब वह पल आए गा जब मुझे अधिक खराब दिन झेलने होंगे तब मैं इन कागजों का उपयोग करूंगी। लेकिन फिलहाल वह समय नहीं आया है।
मेलिएके बेल्जियम की सबसे सफल पैरालंपियन हैं जिन्होंने 2012 लंदन पैरालंपिक में 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में स्वर्ण तथा रजत जीता था। युवावस्था से ही बीमारी से जूझ रही खिलाड़ी ने रियो पैरालंपिक के बाद संन्यास की भी घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा अपने जीवन को त्याग देने का विकल्प मेरे पास है और इसी से मुझे ताकत मिलती है। जब मेरे पास यह कागज नहीं थे तब मैं आत्महत्या करने के बारे में सोच रही थी।
धाविका ने कहा मैं उम्मीद करती हूं ब्राजील जैसे बाकी देश भी इस बारे में बात करें। इससे लोगों को उम्मीद मिलती है। मुझे नहीं लगता कि इच्छामृत्यु के कागजों पर हस्ताक्षर के बाद आप दो हफ्तों में ही मरना चाहेंगे। मैंने 2008 में यह प्रण लिया था और अब 2016 है और मैंने रजत जीता है।
उन्होंने कहा कि उनका मरने का डर अब समाप्त हो चुका है। मेलिएके ने कहा मैं जब मरूं तो दर्द नहीं चाहती हूं। मैं शांति से मरना चाहती हूं। यह ऐसा है कि आप सोने जा रहे हैं और कभी न उठें। (वार्ता)