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ट्रेनिंग के लिए रूस पहुंची सीमा पूनिया, एएफआई नाराज

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हमें फॉलो करें ट्रेनिंग के लिए रूस पहुंची सीमा पूनिया, एएफआई नाराज
, मंगलवार, 19 जुलाई 2016 (20:18 IST)
नई दिल्ली। चक्का फेंक की शीर्ष खिलाड़ी सीमा पूनिया के रियो ओलंपिक के लिए रूस में ट्रेनिंग करने के फैसले से भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) नाराज हो गया है क्योंकि यह देश फिलहाल काफी बड़े डोपिंग प्रकरण का केंद्र है। सीमा रूस के प्रांत आदिगिया की राजधानी मेकोप में ट्रेनिंग कर रही हैं। सोशल मीडिया साइट्स पर रूस के पूर्व ओलंपिक चक्का फेंक खिलाड़ी और कोच विताली पिशचालनिकोव के साथ सीमा की तस्वीर देखी गई हैं।
एशियाई खेल 2014 की स्वर्ण पदक विजेता 32 साल की सीमा ने कहा कि उन्होंने रूस में अपनी ट्रेनिंग को लेकर एएफआई और खेल मंत्रालय को सूचित कर दिया था। सीमा ने रूस से कहा, ‘मैंने नाडा, साई, एएफआई और इसके अध्यक्ष को ई-मेल के जरिये सूचित किया था कि हम रूस में ट्रेनिंग के लिए जा रहे हैं और हमने घर के नंबर के साथ पूरा स्थानीय पता दिया था। मैं अगस्त के पहले हफ्ते तक रूस में रहूंगी और वहां से रियो के लिए जाऊंगी।' 
 
एएफआई के शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि सीमा ने ई-मेल भेजकर कहा था कि वह रूस में ट्रेनिंग की योजना बना रही हैं लेकिन उसे स्वीकृति नहीं दी गई थी। एएफआई के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘उसने हमें ईमेल भेजा था कि वह ओलंपिक से पहले रूस में ट्रेनिंग की योजना बना रही है लेकिन हमने इसे स्वीकृति नहीं दी थी। हम इस ई-मेल का जवाब देते उससे पहले ही वह रूस में थी।' 
 
सीमा ने कहा, ‘रूस ऐसा देश है जो अब तक के सबसे बदतर डोपिंग प्रकरण का केंद्र है और वह वहां ट्रेनिंग के लिए कैसे जा सकती है।’ यह पूछने पर कि क्या उन्होंने रूस में ट्रेनिंग के लिए स्वीकृति ली थी, सीमा ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह जरूरी है। मनप्रीत कौर (गोला फेंक), विकास गौड़ा (चक्का फेंक) और इंदरजीत सिंह (गोला फेंक) स्वयं ट्रेनिंग कर रहे हैं। वे राष्ट्रीय शिविर में भी नहीं आए और उनका अपना कार्यक्रम है।’ 
 
उन्होंने कहा, ‘रूस में ट्रेनिंग का खर्चा मैं अपनी जेब से दे रही हूं। सरकार ने टॉप योजना के तहत अमेरिका में ट्रेनिंग का खर्चा दिया था और इस दौरे का नहीं।’ विताली पिशचालनिकोव दार्या पिशचालनिकोव के पिता हैं जिनसे डोपिंग के कारण उनका लंदन ओलंपिक का रजत पदक छीन लिया गया था।
 
सीमा ने कहा, ‘विताली पिशचालनिकोव मेरे कोच नहीं हैं और मैं उनसे ट्रेनिंग नहीं ले रही हूं। वे सिर्फ ट्रेनिंग सुविधा, एक महीने के लिए रहने की जगह दिलाने आदि में हमारी मदद कर रहे हैं। मेरे पति (अंकुश पूनिया) मेरे कोच हैं।’(भाषा) 

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