नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि टोक्यो ओलम्पिक दल में कई ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं जिनका जीवन बहुत प्रेरित करता है।
श्री मोदी ने आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाले अपने 78वें मन की बात कार्यक्रम में कहा,'साथियो, जब प्रतिभा,समर्पण , प्रतिबद्धता और खिलाड़ियों की भावना एक साथ मिलते हैं, तब जाकर कोई चैंपियन बनता है।हमारे देश में तो अधिकांश खिलाड़ी छोटे-छोटे शहरों, कस्बों, गाँवों से निकल करके आते हैं।टोक्यो जा रहे हमारे ओलम्पिक दल में भी कई ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं, जिनका जीवन बहुत प्रेरित करता है। हमारे प्रवीण जाधव के बारे में आप सुनेंगे, तो, आपको भी लगेगा कि कितने कठिन संघर्षों से गुजरते हुए प्रवीण यहाँ पहुंचे हैं। प्रवीण जाधव, महाराष्ट्र के सतारा ज़िले के एक गाँव के रहने वाले हैं। वो तीरंदाजी के बेहतरीन खिलाड़ी हैं। उनके माता-पिता मज़दूरी कर परिवार चलाते हैं, और अब उनका बेटा, अपना पहला,ओलंपिक्स खेलने टोक्यो जा रहा है। ये सिर्फ़ उनके माता-पिता ही नहीं, हम सभी के लिए कितने गौरव की बात है। ऐसे ही, एक और खिलाड़ी हैं, हमारी नेहा गोयल। नेहा,टोक्यो जा रही महिला हॉकी टीम की सदस्य हैं। उनकी माँ और बहनें, साईकिल की फैक्ट्री में काम करके परिवार का ख़र्च जुटाती हैं। नेहा की तरह ही दीपिका कुमारी के जीवन का सफ़र भी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। दीपिका के पिता ऑटो-रिक्शा चलाते हैं और उनकी माँ नर्स हैं, और अब देखिए, दीपिका, अब टोक्यो ओलंपिक्स में भारत की तरफ से एकमात्र महिला तीरंदाज़ हैं। कभी विश्व की नंबर एक तीरंदाज़ रहीं दीपिका के साथ हम सबकी शुभकामनाएँ हैं।'
प्रधानमंत्री ने कहा,'साथियो, जीवन में हम जहां भी पहुँचते हैं, जितनी भी ऊंचाई प्राप्त करते हैं, जमीन से ये जुड़ाव, हमेशा, हमें अपनी जड़ों से बांधे रखता है। संघर्ष के दिनों के बाद मिली सफलता का आनंद भी कुछ और ही होता है।टोक्यो जा रहे हमारे खिलाड़ियों ने बचपन में साधनों-संसाधनों की हर कमी का सामना किया, लेकिन वो डटे रहे, जुटे रहे। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की प्रियंका गोस्वामी का जीवन भी बहुत सीख देता है। प्रियंका के पिता बस कंडक्टर हैं। बचपन में प्रियंका को वो बैग बहुत पसंद था, जो मैडल पाने वाले खिलाड़ियों को मिलता है। इसी आकर्षण में उन्होंने पहली बार पैदल चाल स्पर्धा में हिस्सा लिया था। अब, आज वो इसकी बड़ी चैंपियन हैं।भाला फेंक में भाग लेने वाले शिवपाल सिंह बनारस के रहने वाले हैं। शिवपाल का तो पूरा परिवार ही इस खेल से जुड़ा हुआ है। इनके पिता, चाचा और भाई, सभी भाला फेंकने में एक्सपर्ट हैं। परिवार की यही परंपरा उनके लिए टोक्यो ओलंपिक्स में काम आने वाली है।टोक्यो ओलम्पिक के लिए जा रहे चिराग शेट्टी और उनके पार्टनर सात्विक साईराज का हौसला भी प्रेरित करने वाला है। हाल ही में चिराग के नाना जी का कोरोना से निधन हो गया था। सात्विक भी खुद पिछले साल कोरोना पॉज़िटिव हो गए थे। लेकिन, इन मुश्किलों के बाद भी ये दोनों पुरुष युगल स्पर्धा में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की तैयारी में जुटे हैं।
श्री मोदी ने कहा,'एक और खिलाड़ी से मैं आपका परिचय कराना चाहूँगा, ये हैं, हरियाणा के भिवानी के मनीष कौशिक। मनीष खेती-किसानी वाले परिवार से आते हैं। बचपन में खेतों में काम करते-करते मनीष को बॉक्सिंग का शौक हो गया था। आज ये शौक उन्हें टोक्यो ले जा रहा है। एक और खिलाड़ी हैं, सी.ए. भवानी देवी। नाम भवानी है और ये तलवारबाजी में एक्सपर्ट हैं। चेन्नई की रहने वाली भवानी पहली भारतीय तलवारबाज हैं, जिन्होंने ओलम्पिक के लिए में क्वालीफाई किया है। मैं कहीं पढ़ रहा था कि भवानी की ट्रेनिंग जारी रहे, इसके लिए उनकी माँ ने अपने गहने तक गिरवी रख दिये थे।साथियो, ऐसे तो अनगिनत नाम हैं लेकिन मन की बात में, मैं, आज कुछ ही नामों का जिक्र कर पाया हूँ। टोक्यो जा रहे हर खिलाड़ी का अपना संघर्ष रहा है, बरसों की मेहनत रही है। वो सिर्फ़ अपने लिए ही नहीं जा रहें बल्कि देश के लिए जा रहे हैं। इन खिलाड़ियों को भारत का गौरव भी बढ़ाना है और लोगों का दिल भी जीतना है और इसलिए मेरे देशवासियों मैं आपको भी सलाह देना चाहता हूँ, हमें जाने-अनजाने में भी हमारे इन खिलाड़ियों पर दबाव नहीं बनाना है, बल्कि खुले मन से, इनका साथ देना है, हर खिलाड़ी का उत्साह बढ़ाना है।'
उन्होंने कहा,'सोशल मीडिया पर आप चीयर 4 इण्डिया के साथ अपने इन खिलाड़ियों को शुभकामनाएँ दे सकते हैं। आप कुछ और भी इनोवेटिव करना चाहें, तो वो भी ज़रूर करें। अगर आपको कोई ऐसा आईडिया आता है जो हमारे खिलाड़ियों के लिए देश को मिलकर करना चाहिए, तो वो आप मुझे ज़रुर भेजिएगा। हम सब मिलकर टोक्यो जाने वाले अपने खिलाड़ियों को सपोर्ट करेंगे। '
मोदी का ओलम्पिक क्विज में हिस्सा लेने का आग्रह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से ओलम्पिक क्विज में हिस्सा लेने का आग्रह किया है।श्री मोदी ने आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाले अपने 78वें मन की बात कार्यक्रम में कहा,'मेरे प्यारे देशवासियो,नमस्कार! अक्सरमन की बात में, आपके प्रश्नों की बौछार रहती है। इस बार मैंने सोचा कि कुछ अलग किया जाए, मैं आपसे प्रश्न करूं ।तो, ध्यान से सुनिए मेरे सवाल।
....ओलिंपिक में इंडिविजुअल गोल्ड जीतने वाला पहला भारतीय कौन था?....ओलिंपिक के कौन से खेल में भारत ने अब तक सबसे ज्यादा मैडल जीते हैं?...ओलिंपिक में किस खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा पदक जीते हैं?'
उन्होंने साथ ही कहा ,'साथियो, आप मुझे जवाब भेजें न भेजें, पर माईगव में ओलंपिक्स पर जो क्विज है, उसमें प्रश्नों के उत्तर देंगे तो कई सारे इनाम जीतेंगे। ऐसे बहुत सारे प्रश्न माई गव के रोड टू टोक्यो क्विज में हैं। आप रोड टू टोक्यो क्विज में भाग लें। भारत ने पहले कैसा परफॉर्म किया है ? हमारी टोक्यो ओलंपिक्स के लिए अब क्या तैयारी है ?- ये सब ख़ुद जानें और दूसरों को भी बताएं। मैं आप सब से आग्रह करना चाहता हूं कि आप इस क्विज कम्पटीशन में ज़रुर हिस्सा लीजिये।'(वार्ता)