लखनऊ। कड़ी मेहनत और पक्के इरादे के साथ दुनिया को फतह करने के मिशन पर निकलने की तैयारी कर रही अचूक निशानेबाज और रक्षामंत्री पदक से नवाजी गईं प्रिया के रास्ते में गरीबी और तंगहाली कांटा बनकर बिछे हुए है।
मेरठ के एक छोटे से गांव भीष्मनगर की निवासी प्रिया जर्मनी में 21 से 29 जून के बीच होने वाली अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता के लिए देश की टीम में अपनी जगह लगभग पक्की कर चुकी है। इसके बावजूद सुदूर देश में होने वाली चैंपियनशिप में भाग लेने को लेकर अभी असमंजस के हालात हैं। इसकी मुख्य वजह निशानेबाज के तंग आर्थिक हालात हैं।
20 साल की प्रिया ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में 50 मीटर राइफल प्रोन महिला स्पर्धा में चयन के लिए तीसरे और चौथे ट्रॉयल में चौथा स्थान हासिल किया और यही उसके सफर में सबसे बड़ा कांटा बनकर बिछा हुआ है। दरअसल, भारत सरकार ट्रॉयल में सर्वश्रेष्ठ 3 खिलाड़ियों का खर्च अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए वहन करती है और इस लिहाज से चौथे स्थान पर रहने वाली मेरठ की खिलाड़ी को इस दौरे में अपना यात्रा खर्च खुद उठाना होगा।
मां इल्मो देवी ने प्रिया को समझाते हुए कहा कि तुम केवल अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो। विदेश में होने वाले महंगे खर्च हमारे बस में नहीं है। तुम्हारे लिए वे शिविर का आयोजन करेंगे, मगर महंगे देश में तुम कैसे ठहर सकोगी। प्रिया के पिता बृजपाल सिंह हालांकि अपनी बिटिया की हौसला-अफजाई करते रहते हैं।
रक्षामंत्री पदक विजेता खिलाड़ी वर्ष 2014 में एनसीसी में चयनित हुई थी। एनसीसी प्रशिक्षण के दौरान प्रिया ने राइफल शूटिंग में गजब का प्रदर्शन किया। अप्रैल 2015 में उसने अंतर बटालियन शूटिंग प्रतियोगिता में अव्वल स्थान हासिल किया जबकि जून 2015 में वह अंतरसमूह शूटिंग चैंपियनशिप में दूसरे नंबर पर रही। पश्चिम बंगाल में अगस्त 2015 में अंतरनिदेशक शूटिंग प्रतियोगिता में निशानेबाज ने 5वां स्थान पाया।
दिसंबर 2015 में हुई अखिल भारतीय जीवी मावलंकर शूटिंग चैपियनशिप में प्रिया को रजत पदक से नवाजा गया। राष्ट्रीय शूटिंग चैपियनशिप में वे प्रदेश में अव्वल रही जबकि देश में उसका स्थान 14वां था। दिसंबर 2017 में 61वीं राष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिता में प्रिया ने 14वां स्थान हासिल किया।
मेरठ की जीवट बाला ने इसी साल जनवरी में हुए अंतरराष्ट्रीय ट्रॉयल के पहले और दूसरे दौर में क्रमश: 4था और 6ठा स्थान हासिल कर भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की की। गणतंत्र दिवस के मौके पर रक्षामंत्री निर्मला सीमारमण ने प्रिया को रक्षामंत्री पदक से नवाज कर गौरवान्वित किया।
पूर्व एनसीसी कैडट होने के नाते एनसीसी प्रिया के प्रशिक्षण के लिए उपयोग में आने वाली सामग्रियों का खर्च वहन करेगी। 3 दफा राष्ट्रीय निशानेबाज का खिताब जीतने वाली रूबीना सैफी भी प्रिया की मदद को आगे आई है। वह चाहती है कि प्रिया जीतू राय, गगन नारंग और अभिनव बिंद्रा की तरह देश का नाम रोशन करें।
प्रिया के पिता एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं और उनकी माली हालत बेहद कमजोर है। प्रिया ने जर्मनी के दौरे में आर्थिक मदद के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। भारतीय निशानेबाजी टीम के प्रशिक्षक दीपक दुबे ने कहा कि प्रिया एक बेहद अनुशासित और कड़ा परिश्रम करने वाली खिलाड़ी है। उसने राष्ट्रीय स्पर्धाओं में कई स्वर्ण पदक हासिल किए हैं। मुझे उम्मीद है कि वह जर्मनी में भारतीयों का सर गर्व से ऊंचा करेगी। (वार्ता)