नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने साफ किया कि जब तक पाकिस्तानी खिलाड़ियों को अगले महीने होने वाली प्रो कबड्डी लीग में खेलने की अनुमति नहीं दी जाएगी और ऐसा तब तक रहेगा जब तक कि यह पड़ोसी देश ‘प्रायोजित आतंकवाद’ को नहीं रोकता। लीग का पांचवां सत्र 25 जून से शुरू होगा जिसमें पहला मैच पुणेरी पल्टन और तेलुगु टाइटन्स के बीच पुणे में खेला जाएगा।
रिपोर्टों के अनुसार पाकिस्तानी खिलाड़ियों को लीग की नीलामी में शामिल किया जा सकता है। खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा कि आयोजक उन्हें बुला सकते हैं लेकिन वे उन्हें खिला नहीं सकते हैं। यहां तक कि अगर उनका चयन हो भी जाता है यह फैसला भारत सरकार करेगी कि कि उन्हें खेलने की अनुमति देनी चाहिए या नहीं। जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का खात्मा नहीं करता तब तक पाकिस्तान के खिलाफ खेलना असंभव है।
पाकिस्तानी हॉकी खिलाड़ियों और क्रिकेटरों को भी कुछ समय से भारतीय सरजमीं पर खेलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पिछले महीने फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया है। जाधव को पिछले साल 3 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) में इस फैसले को चुनौती दी थी जिसने फांसी पर रोक लगाने का आदेश दिया है। (भाषा)