नई दिल्ली। रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता पीवी सिंधु आगामी ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप को अलग से कोई विशेष महत्व नहीं देना चाहतीं और उन्होंने कहा कि वे इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता को किसी अन्य सुपर सीरीज टूर्नामेंट की तरह देख रही हैं। सिंधु ने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं ऑल इंग्लैंड को कोई अन्य सुपर सीरीज टूर्नामेंट समझती हूं। लोग इसके नाम से सोच सकते हैं कि यह बड़ा टूर्नामेंट है।
गचीबाउली में पुलेला गोपीचंद अकादमी में ट्रेनिंग करने वाली हैदराबाद की 21 साल की सिंधु ने कहा कि लेकिन एक खिलाड़ी होने के नाते मैं उन्हीं खिलाड़ियों के खिलाफ खेलूंगी जिनके खिलाफ अन्य सुपर सीरीज टूर्नामेंटों में खेलती हूं इसलिए यह मेरे लिए समान है। इस 6,00,000 डॉलर इनामी प्रतियोगिता का आयोजन बर्मिंघम में 7 से 12 मार्च तक किया जाएगा।
सिंधु के मेंटर और भारत के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद और दिग्गज खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण ही 2 भारतीय हैं जिन्होंने अब तक ऑल इंग्लैंड टूर्नामेंट जीता है। साइना नेहवाल 2015 में खिताब के काफी करीब पहुंची थीं लेकिन उन्हें फाइनल में ओलंपिक चैंपियन कैरोलिना मारिन के खिलाफ शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
सिंधु ने अतीत में काफी रिकॉर्ड बनाए हैं। वे 2013 में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं और डेनमार्क में अगले साल उन्होंने इस उपलब्धि को दोहराया। सिंधु रियो ओलपिक में रजत पदक जीतने वाली भारत की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं। उन्हें हालांकि फाइनल में मारिन के हाथों ही शिकस्त का सामना करना पड़ा।
अपने अभियान की शुरुआत डेनमार्क की मेट पाउलसन के खिलाफ करने वाली सिंधु ने कहा कि मैं अच्छी तैयारी कर रही हूं और टूर्नामेंट में प्रत्येक मैच समान रूप से महत्वपूर्ण है। मैं यहां लड़कों के साथ खेल रही हूं जिससे मुझे मदद मिलेगी। मैं लक्ष्य को हासिल करने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत कर रही हूं।
इस 6ठी वरीय भारतीय को क्वार्टर फाइनल में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी ताइ जू यिंग का सामना करना पड़ सकता है जिनके खिलाफ उन्होंने 5 मुकाबले गंवाए हैं जिसमें हाल में हांगकांग ओपन में मिली हार भी शामिल है। करियर की सर्वश्रेष्ठ 5वीं रैंकिंग हासिल कर चुकी सिंधु की नजरें साल के अंत तक शीर्ष 3 खिलाड़ियों में शामिल होने पर टिकी हैं।
उन्होंने कहा कि जब मैंने पिछले साल सत्र की शुरुआत की, तो मुझे उम्मीद थी कि मैं अपनी रैंकिंग में सुधार करूंगी। अब मैं साल के अंत तक दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी बनने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हूं। (भाषा)