ग्ंवाग्झू। भारत की स्टार खिलाड़ी पीवी सिंधू रविवार को यहां 2017 की विश्व चैंपियन नोजोमी ओकुहारा को हराकर विश्व टूर फाइनल्स के खिताबी मुकाबले में जीत के साथ लंबे समय बाद किसी बड़ी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहीं।
लगातार 7 फाइनलों में हार के बाद सिंधू ने सीधे गेम में जीत दर्ज की और वे विश्व टूर फाइनल्स का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं। लगातार तीसरी बार सत्रांत फाइनल्स में खेल रहीं सिंधू को पिछले साल जापान की ही अकाने यामागुची के खिलाफ शिकस्त के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा था लेकिन इस बार वह 1 घंटे और 2 मिनट तक चले मुकाबले में ओकुहारा को 21-19, 21-17 से हराकर खिताब जीतने में सफल रहीं।
यह सिंधू के करियर का 14वां खिताब है लेकिन इस साल वे पहला खिताब जीतने में सफल रहीं। इससे पहले 2018 में उन्हें विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों, थाईलैंड ओपन और इंडिया ओपन के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। साइना नेहवाल 2011 में विश्व सुपर सीरीज फाइनल्स के फाइनल में पहुंची थीं जबकि 2009 में ज्वाला गुट्टा और वी. दीजू की जोड़ी मिश्रित युगल में उपविजेता रही थी। ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता सिंधू ने अहम मौकों पर धैर्य बरकरार रखा और अधिकांश समय जापान की खिलाड़ी पर बढ़त बनाए रखी।
पहले गेम में ओकुहारा ने कुछ गलतियां कीं जिससे सिंधू ने बढ़त बनाई। सिंधू ने कुछ अच्छे ड्रॉप शॉट लगाए और नेट पर अंक जुटाकर 7-3 की बढ़त बनाई लेकिन ओकुहारा ने स्कोर 5-7 कर दिया। सिंधू ने हालांकि लंबी रैली में दबदबा बनाया और वे ब्रेक तक 11-6 से आगे थीं। ओकुहारा ने इसके बाद वापसी की और 16-16 के स्कोर पर बराबरी हासिल कर ली। जापान की खिलाड़ी एक समय 6-14 से पीछे थी लेकिन अगले 12 में से 10 अंक जीतकर स्कोर बराबर करने में सफल रहीं।
ओकुहारा ने हालांकि 2 स्मैश बाहर मारकर सिंधू को 19-17 से बढ़त बनाने का मौका दिया। सिंधू को इसके बाद 3 गेम प्वॉइंट मिले। ओकुहारा ने 2 गेम प्वॉइंट बचाए लेकिन सिंधू ने शानदार ड्रॉप शॉट के साथ पहला गेम जीत लिया। दूसरे गेम में भी सिंधू ने ओकुहारा को लंबी रैली में उलझाकर 6-4 की बढ़त बनाई लेकिन जापान की खिलाड़ी ने 7-7 पर बराबरी हासिल कर ली।
सिंधू हालांकि ब्रेक तक 11-9 की बढ़त बनाने में सफल रहीं। ओकुहारा ने 12-13 और फिर 16-17 के स्कोर से सिंधू पर दबाव बनाए रखा। ओकुहारा ने नेट पर शॉट उलझाकर सिंधू को 18-16 की बढ़त बनाने का मौका दिया। सिंधू ने लंबी रैली का अंत स्मैश के साथ करते हुए स्कोर 19-16 किया। सिंधू ने 19-17 के स्कोर पर नेट पर भाग्यशाली अंक के साथ 3 मैच प्वॉइंट हासिल किए और फिर तुरंत अगला अंक जीतकर गेम, मैच और खिताब अपने नाम किया। (भाषा)