नई दिल्ली। बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमेन ऑफ द ईयर 2019 के पुरस्कार से भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु को सम्मानित किया गया। सिंधु को दुनियाभर के प्रशंसकों के मतों के बाद एक प्रतिष्ठित जूरी द्वारा नामित 5 प्रतियोगियों में से चुना गया।
पुरस्कार जीतने के बाद 24 वर्षीय सिंधु ने कहा, 'मैं बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमेन ऑफ द ईयर टीम को धन्यवाद देना चाहती हूं। मैं यह पुरस्कार पाकर वास्तव में खुश हूं। मैं बीबीसी इंडिया को इस तरह की शानदार पहल और मेरे सभी प्रशंसकों को धन्यवाद देना चाहती हूं।'
सिंधु ने कहा कि मैं इस पुरस्कार को अपने समर्थकों और प्रशंसकों को समर्पित करना चाहूंगी, जिन्होंने मेरा साथ दिया है और मुझे वोट भी दिया है। बीबीसी इंडियन स्पोर्टसमैन जैसे पुरस्कार हमें बहुत आगे जाने के लिए प्रेरणा और प्रोत्साहन देते हैं। सभी युवा खेलों के लिए मेरा संदेश है कि महिलाओं के रूप में हमें खुद पर विश्वास करना होगा। कड़ी मेहनत ही सफलता की कुंजी है। मुझे यकीन है कि जल्द ही देश के लिए पदक जीतने वाले अधिक भारतीय खिलाड़ी होंगे।
पीवी सिंधु के नाम कुल पांच विश्व चैम्पियनशिप पदक हैं। वह ओलंपिक रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय एकल बैडमिंटन खिलाड़ी भी हैं। सिंधु ने सिर्फ 17 साल की उम्र में सितंबर 2012 में BWF वर्ल्ड रैंकिंग के शीर्ष 20 में प्रवेश किया। वह पिछले 4 वर्षों में टॉप 10 में बनी हुई है। उनके ऐस स्मैश और डायनेमिक प्ले के साथ, भारतीय प्रशंसकों को टोक्यो ओलंपिक में उससे बहुत उम्मीदें हैं।
बीबीसी के महानिदेशक, टोनी हॉल ने पुरस्कार समारोह की मेजबानी की। उन्होंने कहा कि बीबीसी पीवी सिंधु को वर्ष 2019 का 'बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमेन ऑफ द ईयर' बनने पर बधाई। इस पुरस्कार को दुनिया भर के प्रशंसकों द्वारा वोट दिया गया है, और इससे पूरे भारत की महिला एथलीटों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। यह बीबीसी की अपनी बढ़ती भारतीय दर्शकों के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। मैं सिंधु को शुभकामनाएं देता हूं और अगले साल उनकी शानदार उपलब्धियों को देखूंगा।
कई अंतरराष्ट्रीय मुक़ाबलों में भारत का नाम रोशन करने वाली एथलीट पीटी ऊषा को खेल में योगदान और खिलाड़ियों को प्रेरणा देने के लिए इस मौक़े पर लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
पीटी उषा ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा, जब मैंने अपना करियर शुरू किया, तो मेरे पास कोई सुविधा नहीं थी। मैं रेलवे ट्रैक के साथ-साथ समुद्र तटों पर भी प्रशिक्षण लेती थी क्योंकि तब कोई प्रशिक्षण स्थान नहीं था। उन्होंने कहा, तब से चीजें बहुत बदल गई हैं और मुझे बहुत खुशी है कि बीबीसी ने यह पहल की है, यह नई पीढ़ी को खेलों में आने के लिए प्रेरित करेगा।
पूरे खेल जीवन में पीटी ऊषा ने 100 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मेडल और अवॉर्ड जीते हैं। वह 1984 के लॉस एंजिल्स खेलों में ओलंपिक पदक जीतने के बाद महिलाओं के 400 मीटर बाधा दौड़ में चौथे स्थान पर रहीं, एक सेकंड के सौवें हिस्से से कांस्य पदक हार गईं।
फरवरी 2020 में घोषित पांच नामांकन में स्प्रिंटर दूती चंद, मुक्केबाज मैरी कॉम, पहलवान विनेश फोगट, पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी मानसी जोशी और पीवी सिंधु शामिल थे।
बीबीसी पुरस्कार समारोह दिल्ली में प्रख्यात खेल हस्तियों, खेल लेखकों, पत्रकारों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में आयोजित किया गया था। इस मौके पर अतिथि के रूप में केंद्रीय खेल मंत्री
किरण रिजिजू भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि बहुत प्रसन्न हूं कि बीबीसी ने इस पुरस्कार की शुरुआत की है।
उन्होंने कहा कि भारत खेल संस्कृति का निर्माण करने में सक्षम नहीं रहा है। हम इसे बदलने जा रहे हैं। हम भारत को एक स्पोर्ट्स पावरहाउस बनाना चाहते हैं। हमें खेल को एक करियर के रूप में बनाना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे एथलीटों का अच्छी तरह से ध्यान रखा जाए। इसीलिए हमने भारत के लिए पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए आजीवन पेंशन जैसी योजनाएं शुरू की हैं।