दुबई। चीन ओपन का खिताब जीतने और हांगकांग में उप विजेता बनने वाली ओलंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधू बुधवार को यहां जब अपने अभियान की शुरुआत सत्रांत विश्व सुपर सीरीज फाइनल्स में करेंगी तो उनका लक्ष्य साल का अंत एक और खिताब के साथ करना होगा।अगस्त में रियो डि जिनेरियो में सिंधू ओलंपिक रजत पदक जीतने वाली पहले भारतीय महिला बनी थीं। दुबई विश्व सुपर सीरीज फाइनल के लिए क्वालीफाई करना हालांकि उनकी बड़ी उपलब्धि है क्योंकि जब वे डेस्टिनेशन दुबई रैंकिंग में 16वें स्थान पर थीं तब सिर्फ दो प्रतियोगिताएं चाइना ओपन और हांगकांग ओपन बची थीं।
यह 21 वर्षीय खिलाड़ी डेनमार्क और फ्रांस में जल्द बाहर हो गई थीं लेकिन अंतिम दो क्वालीफाइंग प्रतियोगिताओं में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। सिंधू पिछले महीने चाइना ओपन का खिताब जीतने वाली तीसरी भारतीय बनीं जो उनका पहला सुपर सीरीज प्रीमियर खिताब था। वे हांगकांग फाइनल में भी पहुंचीं जहां उन्हें चीनी ताइपे की ताई जू यिंग के खिलाफ शिकस्त झेलनी पड़ी।
चाइना ओपन में जीत से सिंधू को 11000 अंक मिले और हांगकांग फाइनल में जगह बनाकर उन्होंने दुबई के लिए पहली बार टिकट कटाई। उन्होंने इस दौरान हमवतन साइना नेहवाल, जापान की सयाका सातो और मिनात्सु मितानी और थाईलैंड की पोर्नटिप बुरानाप्रासेरत्सुक को पछाड़ा।
दुबई टूर्नामेंट की तैयारी के लिए सिंधू ने मकाऊ ओपन ग्रां प्री गोल्ड में हिस्सा नहीं लिया, जहां वह तीन बार की गत चैंपियन थीं। दुनिया की 10वें नंबर की खिलाड़ी सिंधू को यहां हमदान खेल परिसर के पहले दौर में जापान की दूसरी वारी अकाने यामागुची के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करनी है, जिसके खिलाफ उन्होंने दो मैच जीते हैं जबकि एक गंवाया है।
डेस्टिनेशन दुबई रैंकिंग में शीर्ष आठ में रहने वाले खिलाड़ियों को ही इस टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने का मौका मिलता है और ग्रुप बी में मौजूद सिंधू की राह आसान नहीं होगी। इस ग्रुप से सेमीफाइनल के दो स्थानों के लिए सिंधू को यामागुची के अलावा ओलंपिक चैम्पियन कैरोलिना मारिन तथा दुनिया की छठे नंबर की चीन की सुन यू की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। (भाषा)